विधानसभा चुनाव 2023: बागियों पर टिकी आप, मंत्रियों को चुनौती देने नहीं मिले प्रत्याशी
- 17 नवंबर को डाले जाएंगे वोट
- चुनावी नतीजे 3 दिसंबर को होंगे घोषित
डिजिटल डेस्क , सागर, श्रीकांत त्रिपाठी। आम आदमी पार्टी (आप) ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 230 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की बात कही थी, लेकिन मध्यप्रदेश में पार्टी ने सिर्फ 66 प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में उतरे हैं। जबकि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 203 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। दरअसल ‘आप’ के नेतृत्व ने मध्यप्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लडऩे की घोषणा तो कर दी, लेकिन नाम दाखिले तक उसकी तैयारी पूरी नहीं हो पाने के चलते, उनके पास चुनाव मैदान में उतरने लायक प्रत्याशी ही नहीं थे। ऐसे में पार्टी की पूरी आशा बागियों पर टिकी रही। पार्टी ने जिन 66 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, उनमें कई ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने भाजपा या कांग्रेस से टिकट न मिलने के कारण ‘आप’ का दामन थामा। इसी वजह से जहां भाजपा के दिग्गज मंत्री चुनाव मैदान में हैं, वहां बागियों की संख्या कम होने से ‘आप’ को प्रत्याशी ही नहीं मिल सके।
बुंदेलखंड बड़ा उदाहरण
सागर जिले की आठ सीटों में से केवल तीन (नरयावली, सागर और बंडा ) पर ही ‘आप’ के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। कैबिनेट मंत्री और रहली से 8 बार के विधायक गोपाल भार्गव, खुरई से भूपेंद्र सिंह और सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ ‘आप’ को प्रत्याशी नहीं मिल सके। मंत्रियों की इन सीटों पर भाजपा का टिकट पहले से ही तय था और बागियों की संख्या न के बराबर ही रही। थोड़ा बहुत विरोध सुरखी में जरूर देखने को मिला, लेकिन जिन्होंने भाजपा छोड़ी उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और टिकट भी पा लिया। खुरई और रहली में बागियों की संख्या शून्य थी, लिहाजा, ‘आप’ को प्रत्याशी नहीं मिले। समूचे बुंदेलखंड के परिदृश्य में इस बात को देखेंं तो खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के सामने भी पन्ना सीट पर ‘आप’ नहीं है। इसके इतर चुनाव से ठीक पहले टीकमगढ़ जिले की खरगापुर सीट से विधायक राहुल लोधी को राज्य मंत्री बनाया गया था, उनके सामने जरूर ‘आप’ ने प्यारेलाल लाल सोनी को चुनाव मैदान में उतारा है। यानी बुंदेलखंड के 5 मंत्रियों के सामने ‘आप’ को सिर्फ एक ही चेहरा मिला।
प्रदेश के इन मंत्रियों के सामने भी ‘आप’ नहीं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा, महेंद्र सिंह सिसोदिया, ब्रजेंद सिंह यादव, अरविंद भदौरिया, डॉ. मोहन यादव, जगदीश देवड़ा, ओमप्रकाश सकलेचा, हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह, कमल पटेल, प्रभुराम चौधरी, विजय शाह, तुलसी सिलावट और इंदर सिंह परमार के सामने भी ‘आप’ ने प्रत्याशी नहीं उतारा।
इन दिग्गजों के सामने जरूर उतारे प्रत्याशी
भाजपा के राष्ट्रीय नेता कैलाश विजयर्गीय, केबिनेट मंत्री विश्वास सारंग, गौरीशंकर विसेन, राजेंद्र शुक्ल, ऊषा ठाकुर और प्रदुम्न सिंह तोमर के खिलाफ ‘आपर्’ ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं।
विंध्य की 30 में से 17 सीटों पर ‘आप’
‘आप’ ने सबसे ज्यादा 17 प्रत्याशी विंध्य क्षेत्र मेें उतारे हैं। यहां 7 जिलों की 30 विधानसभा सीटें हैं। जिनमें रीवा की 8 में से 7 सीटों रीवा, त्योंथर, देवतालाब, मनगवां, गुढ़, मऊगंज, सतना की 7 में से 3 सीटों मैहर, रामपुर बघेलान तथा रैगांव, शहडोल की 3 में से एक सीट ब्योहारी तथा उमरिया की 2 में से एक सीट मानपुर से भी ‘आप’ के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा सीधी की 4 में 2 सीधी और चुरहट तथा सिंगरौली की तीनों सीटों सिंगरौली, देवसर और चितरंगी में इसने प्रत्याशी उतारे हैं।
महाकोशल की 38 में से सिर्फ 9 सीटों पर
महाकोशल के 8 जिलों की 38 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 9 पर ही ‘आप’ ने प्रत्याशी उतारे हैं। सबसे ज्यादा जबलपुर की 8 सीटों में से 4 सीटों जबलपुर कैंट, बरगी, पनागर और पाटन में इसने प्रत्याशी उतारे हैं। बालाघाट की 6 में से 3 सीटों बालाघाट, परसवाड़ा व कटंगी और कटनी की एक मुड़वारा तथा डिंडोरी की शाहपुरा सीट पर भी ‘आप’ के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
पार्टी हाईकमान का फैसला था
आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय प्रभारी सुमित चौहान प्रदेश की सभी सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारे जाने के पीछे ‘पार्टी हाईकमान के फैसले’ की बात कहते हैं। श्री चौहान ने कहा चूंकि हम इस बार हमारी पार्टी केवल 66 विधानसभा सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है इसलिए मंत्रियों के अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण सीटें भी छूटी हैं। विंध्य में सबसे ज्यादा प्रत्याशी उतारे जाने के सवाल पर श्री चौहान ने कहा कि , हमारी आम आदमी पार्टी का मध्यप्रदेश में प्रवेश विंध्य से हुआ है इसलिए हमने इस क्षेत्र में ज्यादा प्रत्याशी उतारे हैं।
Created On :   6 Nov 2023 11:43 AM IST