मानवीय रुचि: झांसी में महिलाओं को मिल रहा रोजगार, प्लांट में काम कर सुधरे आर्थिक हालात

झांसी में महिलाओं को मिल रहा रोजगार, प्लांट में काम कर सुधरे आर्थिक हालात
केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार लगातार महिलाओं को रोजगार देने के लिए कदम उठा रही है। इस बीच यूपी के झांसी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत एक प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट के माध्यम से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है जिससे उनके हालात सुधर रहे हैं।

झांसी, 24 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार लगातार महिलाओं को रोजगार देने के लिए कदम उठा रही है। इस बीच यूपी के झांसी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत एक प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट के माध्यम से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है जिससे उनके हालात सुधर रहे हैं।

दरअसल, झांसी के ग्राम पंचायत घुघुवा विकास खण्ड बड़ागांव में ग्रीन एनर्जी द्वारा संचालित उज्जवल प्रेरणा महिला लघु उद्योग समिति की तरफ से सरसों के तेल के उत्पादन किया जा रहा है। इस प्लांट की सबसे खास बात है कि ये प्लांट सौर ऊर्जा से संचालित होता है।

इस सरसों तेल के प्लांट में मिली कल्पना ने बताया कि उनके समूह का नाम जेवल खण्डी महाराज है। उन्होंने कहा, “वे इस समूह से पिछले कई सालों से जुड़ी हुई हैं। शुरुआत पापड़ बनाने से की थी, लेकिन जब समूह को प्रशासन की ओर से बताया गया कि एक सरसों की पिराई का प्लांट लगया जा रहा है जिसमें रोजगार की संभावनाएं हैं। तो प्लांट में काम करने के लिए हामी भर दी। समूह की ओर हर महिला को डेढ़ लाख रुपए दिए गए। इसमें से हर महिला ने प्लांट में 40 हजार रुपए का अपना सहयोग दिया। हर एक महिला तीन क्विंटल सरसों की पिराई करती है।”

वहीं, प्लांट में काम करने वाली मुन्नी झा ने बताया कि समूह से जुड़ने के बाद उनके परिवार की आमदनी बढ़ी है। वो यहां काम कर हर महीने पांच से सात हजार रुपए कमा लेती हैं।

अंगूरी देवी ने बताया कि वह पूरे प्लांट का लेखा-जोखा रखती हैं। जब सीजन ऑफ होता है तो वो राई खरीद कर पहले से ही रख लेती हैं। उसके बाद पूरे साल पिराई करती हैं। जो लोग खुद सरसों की पिराई करवाने आते है। तो उनसे पिराई का पैसा नहीं लिया जाता है।

पार्वती बताती हैं कि उनको समूह की ओर से दोना-पत्तल की मशीन पर काम करने की जिम्मेदारी मिली है। कहती हैं, “शादी के सीजन में दोना-पत्तल की डिमांड काफी बढ़ जाती है। ये काम करने से उनको काफी लाभ हो रहा है और परिवार की आजीविका भी बढ़ रही है। साथ ही घर की आर्थिक स्थिति भी पहले से कहीं बेहतर हो गई है। नतीजतन इस वजह से बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा पा रही हैं।”

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   24 Aug 2024 12:39 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story