पर्यावरण: बांग्लादेश तापमान गिरने के साथ ढाका की हवा हुई 'जहरीली', बढ़ते वायु प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता

ढाका, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हाल के हफ्तों में तापमान में तेज गिरावट के कारण राजधानी ढाका की वायु गुणवत्ता काफी हद तक खराब हो गई है। इससे महानगर के लाखों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक ढाका गुरुवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 9 बजे 206 के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के साथ दुनिया भर के सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की सूची में तीसरे स्थान पर रहा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मंगलवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 9 बजे एक्यूआई स्कोर 241 रहा जो सबसे प्रदूषित वायु वाले शहरों में पहला नंबर था।
151 से 200 के बीच के एक्यूआई को 'अस्वस्थ' माना जाता है, जबकि 201-300 को 'बहुत अस्वस्थ' और 301-400 को 'खतरनाक' स्तर का माना जाता है। ये निवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।
यह देखते हुए कि ढाका और उसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता अस्वस्थ और कभी-कभी खतरनाक स्तर (एक्यूआई 250 से ऊपर) तक बिगड़ गई है, बांग्लादेशी अंतरिम सरकार ने मंगलवार को लोगों को बाहर निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी। जबकि संवेदनशील व्यक्तियों से अनुरोध किया कि वे जब तक आवश्यक ना हो, बाहर ना जाएं।
बांग्लादेश पर्यावरण वकील संघ (बीईएलए) के वकील असदुल्लाह अल गालिब ने सिन्हुआ को बताया कि ढाका में प्रदूषण के कई मुख्य स्रोत हैं। इनमें सर्दियों के मौसम में ढाका और उसके आसपास निर्माण, वाहन उत्सर्जन और घरेलू प्रदूषण शामिल हैं।
विशेषज्ञों ने कहा, ढाका में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि तापमान में तेजी से गिरावट आ रही है और अन्य मौसम संबंधी कारक, जैसे हवा की गति धीमी हो रही है और धुंध छा रही है। शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलनी शुरू हो गई हैं और उम्मीद है कि इससे जल्द ही तापमान में और गिरावट आएगी, जिससे वायु प्रदूषण की पूरी स्थिति और खराब हो जाएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वायु प्रदूषण से हर साल दुनिया भर में करीब सात मिलियन लोगों की मौत होती है। इसका मुख्य कारण स्ट्रोक, हृदय रोग, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, फेफड़ों के कैंसर और तेज श्वसन संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर में बढ़ोतरी है।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   12 Dec 2024 6:12 PM IST