शोध: महिलाओं के आंसू देखकर क्यों पिघल जाते हैं पुरुष, वैज्ञानिकों ने खोला राज
लंदन, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। अक्सर कहा जाता है कि महिलाओं के आँसू देखकर पुरुष पिघल जाते हैं। अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इसका राज उनके आँसुओं के गंध में छिपा है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि महिलाओं के आंसू सूंघने से पुरुषों में आक्रामकता से संबंधित मस्तिष्क की गतिविधि कम हो जाती है, जिससे आक्रामक व्यवहार में कमी आती है।
इज़रायल में वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ने अध्ययन किया, जिसमें पता चला कि मानव आंसुओं में एक रासायनिक संकेत शामिल होता है जो आक्रामकता से संबंधित दो मस्तिष्क क्षेत्रों में गतिविधि को कम कर देता है।
पीएलओएस बायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में संस्थान की ब्रेन साइंस लैब से पीएचडी छात्र शनि एग्रोन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने यह निर्धारित करने के लिए काम किया कि क्या आंसुओं का लोगों में आक्रामकता-अवरोधक प्रभाव उतना ही है जितना कि कृंतकों (चूहे आदि) में होता है।
प्रयोगों की एक श्रृंखला में, पुरुषों को या तो महिलाओं के भावनात्मक आँसुओं और नमकीन पानी में से एक सूँघने के लिए दिया गया, बिना यह बताये कि वे क्या सूँघ रहे हैं।
इसके बाद, उन्होंने दो-खिलाड़ियों का खेल खेला जो एक खिलाड़ी में दूसरे के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जिसे धोखाधड़ी के रूप में चित्रित किया गया था।
अवसर मिलने पर, पुरुष कथित धोखेबाज़ों से बदला लेने के लिए उन्हें पैसे का नुकसान करा सकते थे, हालाँकि उन्हें खुद कुछ हासिल नहीं होना था।
शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं के भावनात्मक आंसुओं को सूंघने के बाद, पूरे खेल के दौरान आक्रामक व्यवहार करने वाले पुरुषों के प्रतिशोध में 44 प्रतिशत या लगभग आधे की गिरावट आई।
शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि यह परिणाम कृंतकों में देखे गए प्रभाव के बराबर लगता है, लेकिन कृंतकों की नाक में एक संरचना होती है जिसे वोमेरोनसाल अंग कहा जाता है जो सामाजिक रासायनिक संकेतों को पकड़ता है।
मस्तिष्क विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नोम सोबेल ने कहा, "इन निष्कर्षों से पता चलता है कि आंसू एक रासायनिक कवच है जो आक्रामकता के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है - और यह प्रभाव कृंतकों और मनुष्यों और शायद अन्य स्तनधारियों के लिए भी आम है।"
एग्रोन ने कहा: "हम जानते थे कि आंसू सूंघने से टेस्टोस्टेरोन कम होता है, और टेस्टोस्टेरोन कम होने से महिलाओं की तुलना में पुरुषों में आक्रामकता पर अधिक प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमने पुरुषों पर आंसुओं के प्रभाव का अध्ययन करना शुरू किया क्योंकि इससे हमें परिणाम मिलने की अधिक संभावना थी।"
--आईएएनएस
एकेजे
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   30 Dec 2023 7:29 PM IST