राजनीति: नीतीश का दावा, 'प्रदेश में पहले कुछ नहीं होता था' 

नीतीश का दावा, प्रदेश में पहले कुछ नहीं होता था 
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को यहां कृषि मेला का उद्घाटन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा करते हुए कहा कि पहले यहां कुछ काम नहीं होता था। जब हम सत्ता में आए, तब 2006 से कृषि रोड मैप की शुरुआत की।

पटना, 30 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को यहां कृषि मेला का उद्घाटन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा करते हुए कहा कि पहले यहां कुछ काम नहीं होता था। जब हम सत्ता में आए, तब 2006 से कृषि रोड मैप की शुरुआत की।

पत्रकारों से चर्चा करते मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तक ब‍िहार में जो नहीं हुआ, वह हमने किया। उन्होंने कहा क‍ि किसानों के लिए इस मेले का शुभारंभ हमने किया था और अब सब कुछ अच्छे से हो रहा है। उन्होंने कहा, "आप लोगों को भी याद रखना चाहिए कि हमने क्या-क्या बिहार के लिए किया है।"

एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सब अच्छा काम हो रहा है। उन्होंने पत्रकारों से ही कहा कि आप लोग घूम-घूमकर काम देखिए। इधर, बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस मेले का मकसद यह है कि आधुनिक यंत्रों को किसान देखें और समझें। इसका प्रयोग करने से किसानों को लाभ होता है, उत्पादन में वृद्धि होती है और उनकी आमदनी बढ़ती है। ऐसे सभी चीजों की यहां प्रदर्शनी लगाई गई है। बिहार की सरकार इस बात का हमेशा प्रयास करती है कि किसान कृषि यंत्रों का उपयोग करें।

उन्होंने कहा, "हम लोगों ने कृषि यंत्रों के ल‍िए 186 करोड़ रुपये अनुदान देने का निर्णय किया है। इसके तहत 75 प्रकार के यंत्र दिए जाते हैं। इसमें सरकार की ओर से क‍िसान को 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। अनुदान देने का मकसद आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल करने के ल‍िए प्रोत्‍साह‍ित करना है।

कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में बिहार सरकार की प्राथम‍िकता किसानों को आर्थिक रूप से खुशहाल बनाना है।

गांधी मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने क‍िया। मेले में किसानों को उनकी जरूरत के सभी उपकरण मिल रहे हैं। यहां 300 स्टॉल लगाए गए हैं। चार दिनों तक चलने वाले इस मेले में किसान नई तकनीक से भी परिचित हो सकेंगे।

--आईएएनएस

एमएनपी/सीबीटी

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Created On :   30 Nov 2024 12:36 PM IST

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