अंतरराष्ट्रीय: दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति यून को गिरफ्तार करना जांचकर्ताओं के लिए बड़ी चुनौती, अब सत्तारूढ़ सांसदों ने किया विरोध

दक्षिण कोरिया  राष्ट्रपति यून को गिरफ्तार करना जांचकर्ताओं के लिए बड़ी चुनौती, अब सत्तारूढ़ सांसदों ने किया विरोध
उच्च-स्तरीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) के लिए महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल को गिरफ्तार करना आसान नहीं होगा। सत्तारूढ़ पार्टी के लगभग 30 सांसद सोमवार को महाभियोग का सामना कर रहे यून को हिरासत में लेने की कोशिशों के खिलाफ राष्ट्रपति निवास के पास इक्ट्ठा हुए।

सोल, 6 जनवरी (आईएएनएस)। उच्च-स्तरीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) के लिए महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल को गिरफ्तार करना आसान नहीं होगा। सत्तारूढ़ पार्टी के लगभग 30 सांसद सोमवार को महाभियोग का सामना कर रहे यून को हिरासत में लेने की कोशिशों के खिलाफ राष्ट्रपति निवास के पास इक्ट्ठा हुए।

पिछले शुक्रवार को, यून के अल्पकालिक मार्शल लॉ लगाने की जांच को संभालने वाले सीआईओ ने यून को उनके आधिकारिक निवास पर हिरासत में लेने की कोशिश की थी। हालांकि राष्ट्रपति सुरक्षा टीम और समर्थकों के साथ घंटों तक चले गतिरोध के बाद सीआईसी ने अपनी कोशिश को रोक दिया।

बता दें एक अदालत ने इस सप्ताह की शुरुआत में यून के खिलाफ वारंट जारी किया था क्योंकि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करने और विद्रोह भड़काने के आरोप में जांच कर रहे अधिकारियों के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था।

यून की कानूनी टीम ने वारंट को 'अवैध' बताया और कहा कि वे इसे चुनौती देंगे।

सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के किम गि-ह्योन ने रैली के दौरान कहा, "सीआईओ ऐसा दिखावा कर रहा है जैसे उसे जांच करने का अधिकार है, जबकि उसके पास अधिकार नहीं हैं।" पीपीपी प्रतिनिधि यूं सांग-ह्यून, चो बे-सूक, पार्क डे-चुल और किम सोक-की भी प्रदर्शन में शामिल थे।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सीआईओ ने पुलिस से वारंट की कार्रवाई का जिम्मा संभालने को कहा है।

यून ने पूछताछ या वारंट को लेकर सीआईओ के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है। उनका दावा है कि एजेंसी तकनीकी रूप से विद्रोह के आरोपों की जांच करने के लिए अधिकृत नहीं है, जिसका सामना वह 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के लिए कर रहे हैं।

पीपीपी के अंतरिम नेता, क्वोन यंग-से ने भी जोर देकर कहा कि सीआईओ को पुलिस को जांच 'ठेके पर' देने का कोई अधिकार नहीं है।

नेशनल असेंबली में पार्टी की बैठक के बाद क्वोन ने कहा, "वारंट अपने आप में समस्याग्रस्त है क्योंकि सीआईओ के पास (विद्रोह के आरोपों) की जांच करने का अधिकार नहीं है, और उसे पुलिस को 'ठेके' देने का कोई अधिकार नहीं है।"

बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।

नेशनल असेंबली राष्ट्रपति यून सुक-योल और उनकी जगह लेने वाले कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है। उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

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Created On :   6 Jan 2025 6:03 PM IST

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