राष्ट्रीय: प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत '20,000 मेगावाट' अतिरिक्त बिजली उत्पन्न करेगा राजस्थान

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत 20,000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पन्न करेगा राजस्थान
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के अंतर्गत प्रस्तावित रूफटॉप सोलर योजना में राजस्थान अग्रणी रहेगा। राजस्थान सोलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील बंसल का कहना है कि देशभर में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के माध्यम से लगभग 20,000 मेगावाट उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिसमें से 5,000 मेगावाट राजस्थान में उत्पन्न होगा।

जयपुर, 3 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के अंतर्गत प्रस्तावित रूफटॉप सोलर योजना में राजस्थान अग्रणी रहेगा। राजस्थान सोलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील बंसल का कहना है कि देशभर में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के माध्यम से लगभग 20,000 मेगावाट उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिसमें से 5,000 मेगावाट राजस्थान में उत्पन्न होगा।

इस क्षेत्र में राजस्थान सबसे आगे रहेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसका एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र है और बड़े खिलाड़ी पहले से ही यहां काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, सौर ऊर्जा का विचार यहीं से निकला और हम इस क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुके हैं।

केंद्र सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि सरकार की प्रस्तावित रूफटॉप सौर योजना के लाभार्थियों को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी।

सुनील बंसल कहते हैं कि इस एक घोषणा ने पूरे उद्योग की मानसिकता बदल दी है और कहा कि पहले डिस्कॉम सौर उद्योग को प्रतिस्पर्धी मानते थे। उन्होंने सोचा कि यदि सौर उद्योग बढ़ गया तो वे समाप्त हो जायेंगे, उन्होंने कभी भी सौर उद्योग को बढ़ावा नहीं दिया। अब लगभग एक लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अवसर आया है और इसलिए उनकी मानसिकता बदल गई है। ये डिस्कॉम अधिकारी हमें फोन कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि आप हमसे किस तरह की मदद चाहते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट प्रस्तुति के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि यह योजना 10 मिलियन परिवारों को अपनी अधिशेष सौर ऊर्जा बेचने में सक्षम बनाएगी। इससे इनमें से प्रत्येक परिवार के लिए 15,000 रुपये से 18,000 रुपये के बीच वार्षिक बचत होने का अनुमान है।

जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता एसके भाटी ने आईएएनएस को बताया, “इस बात की प्रबल संभावना है कि इस घोषणा से बड़ी संख्या में उपभोक्ता आएंगे। हालांकि, हम इस पर विस्तृत दिशानिर्देश का इंतजार कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि एक बार यह गाइडलाइन आ जाएगी तो हम इस दिशा में काम कर सकेंगे।

भाटी का कहना है कि जोधपुर में लगभग 70 विक्रेता सोलर इंस्टालेशन बनाने का काम कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। यहां हाल की एक बैठक में हमने इस संख्या को 1,000 तक ले जाने पर काम किया।

उन्होंने कहा, ''इस बीच हम यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि क्या राज्य सरकार भी अपने बजट में इस पर कुछ घोषणा करती है।''

बंसल ने कहा कि इस योजना से सकारात्मक भावनाएं पैदा हुई हैं, हालांकि, कई चुनौतियां भी हैं। यह उन राजनीतिक दलों के लिए एक कड़ा जवाब प्रतीत होता है जो चुनावों के दौरान मुफ्त बिजली इकाइयों के मामले में मुफ्त रेवड़ियां बांटते नजर आए थे।

उन्होंने आगे कहा, अब ये सोलर इंस्टॉलेशन 300 यूनिट मुफ्त बिजली दे रहे हैं और छोटे उपभोक्ता इस ऑफर से आकर्षित होंगे।

बंसल का कहना है कि 2030 तक कुल मिलाकर 500 गीगावाट यानी 5 लाख मेगावाट के कारोबार का लक्ष्य रखा गया है... इसमें से 2 लाख मेगावाट उत्पादन राजस्थान से होना जरूरी है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए असमर्थ हो जाएगा।

पहले सरकार का फोकस बड़े प्रोजेक्ट्स पर था, लेकिन, पिछले छह महीनों में यह फोकस बदला हुआ नजर आ रहा है। अब ध्यान प्रस्तावित रूफटॉप सोलर योजना पर केंद्रित हो गया है। इसे सफल बनाने के लिए नीति में क्रांतिकारी बदलाव लाने की जरूरत है। बंसल का कहना है कि छोटे बदलावों से ज्यादा सफलता नहीं मिलेगी।

इस बीच भाटी का कहना है कि छोटे उपयोगकर्ता सोलर रूफटॉप लगाने के इच्छुक होंगे। मजबूत प्रतिक्रिया की उम्मीद करते हुए, हमने पहले ही जोधपुर में लगभग 1000 विक्रेताओं को शॉर्टलिस्ट कर लिया है। वास्तव में हमने इसे सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं।

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Created On :   3 Feb 2024 10:51 PM IST

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