संदेशखाली हमला : ईडी ने अपने अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर खारिज करने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट में दूसरी याचिका दायर की
कोलकाता, 11 जनवरी (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में दूसरी याचिका दायर की, जिसमें केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को खारिज करने की मांग की गई, जिन पर सीएपीएफ कर्मियों के साथ हमला किया गया था। उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में 5 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी का प्रयास किया गया।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ में दायर याचिका में ईडी के वकील ने मामले की फास्ट-ट्रैक सुनवाई की भी अपील की।
न्यायमूर्ति मंथा ने याचिका स्वीकार कर ली है और मामले पर बाद में सुनवाई होगी।
ईडी द्वारा उच्च न्यायालय में दायर की गई यह दूसरी ऐसी याचिका है।
इसी तरह की एक याचिका बुधवार को न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ में दायर की गई थी, जिसमें हमलावर ईडी अधिकारियों के खिलाफ पुलिस एफआईआर को चुनौती दी गई थी।
गुरुवार को यह मामला न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ में संक्षिप्त सुनवाई के लिए आया, जहां न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने मौखिक आदेश देते हुए राज्य पुलिस को 15 जनवरी तक किसी भी ईडी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था।
सूत्रों ने कहा कि संदेशखाली घटना को लेकर स्थानीय नज़ात पुलिस स्टेशन में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
पहला मामला ईडी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर है, जिसमें शाहजहां के अनुयायियों पर अधिकारियों पर हमला करने का आरोप लगाया गया है।
जांच एजेंसी ने कहा कि हमले के दौरान न केवल उनके तीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, बल्कि उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप और वॉलेट जैसे निजी और आधिकारिक सामान भी लूट लिए गए।
दूसरी एफआईआर आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता के एक सहयोगी द्वारा दायर शिकायत पर आधारित थी, जिसमें ईडी पर बिना किसी तलाशी वारंट के आवास के मुख्य प्रवेशद्वार को जबरदस्ती तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था।
तीसरी एफआईआर नज़ात पुलिस स्टेशन की पुलिस द्वारा बिना सोचे-समझे दर्ज की गई।
ईडी ने पहले एक बयान में पश्चिम बंगाल पुलिस पर अपने अधिकारियों पर हमले के आरोप की गंभीरता को कम करने का आरोप लगाया था, जिसके आधार पर दर्ज की गई पहली एफआईआर में मुख्य रूप से जमानती और गैर-अनुसूचित अपराधों से संबंधित धाराएं शामिल की गईं थीं।
--आईएएनएस
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Created On :   11 Jan 2024 6:44 PM IST