राजनीति: त्रिपुरा में भाजपा ने कांग्रेस-टीएमसी पर साधा निशाना, ‘वक्फ सुधार जनजागरण अभियान’ का किया ऐलान

त्रिपुरा में भाजपा ने कांग्रेस-टीएमसी पर साधा निशाना, ‘वक्फ सुधार जनजागरण अभियान’ का किया ऐलान
त्रिपुरा में भाजपा ने गुरुवार को अगरतला स्थित रवींद्र शताब्दी भवन में एक उच्च स्तरीय कार्यशाला आयोजित की, जिसका उद्देश्य वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर राज्यभर में जनजागरण अभियान की रणनीति तैयार करना था।

अगरतला, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। त्रिपुरा में भाजपा ने गुरुवार को अगरतला स्थित रवींद्र शताब्दी भवन में एक उच्च स्तरीय कार्यशाला आयोजित की, जिसका उद्देश्य वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर राज्यभर में जनजागरण अभियान की रणनीति तैयार करना था।

इस दौरान पार्टी ने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर मुसलमान समुदाय को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला।

कार्यशाला में मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद बिप्लब कुमार देब, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल के एंटनी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कांग्रेस और टीएमसी पर वक्फ बोर्डों में फैले भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दल राजनीतिक लाभ के लिए आवश्यक सुधारों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "विपक्ष का असली उद्देश्य पारदर्शिता रोकना और अल्पसंख्यक समुदाय को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करना है।"

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद राजीव भट्टाचार्य ने कहा कि नया वक्फ कानून पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है और इससे गरीब व वंचित मुसलमानों को वास्तविक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, "विपक्ष केवल भ्रम फैला रहा है, जबकि हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक सच्चाई पहुंचाना चाहते हैं।"

भाजपा ने इस अवसर पर “वक्फ सुधार जनजागरण अभियान” की घोषणा की, जिसके तहत पार्टी राज्यभर में अल्पसंख्यक समुदायों के बीच जाकर इस कानून की सही जानकारी देगी और विपक्ष के “भ्रामक प्रचार” का जवाब देगी।

बता दें कि मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज जैसे क्षेत्रों में पिछले दिनों वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी, दुकानों और घरों को नुकसान पहुंचाया, इसके बाद पुलिस के साथ उनकी झड़पें हुईं। स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती की और कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दीं। हिंसा के दौरान सैकड़ों लोग विस्थापित हुए, इनमें से कई ने पड़ोसी मालदा जिले में शरण ली।

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Created On :   17 April 2025 10:49 PM IST

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