खेल: गुरु काशी विश्वविद्यालय के ऋषभ यादव ने तीरंदाजी वर्ल्ड कप लहराया परचम, कुलपति ने बढ़ाया हौसला

गुरु काशी विश्वविद्यालय के ऋषभ यादव ने तीरंदाजी वर्ल्ड कप लहराया परचम, कुलपति ने बढ़ाया हौसला
गुरुग्राम के युवा तीरंदाज और गुरु काशी विश्वविद्यालय में एमबीए फर्स्ट ईयर के छात्र ऋषभ यादव ने अमेरिका के फ्लोरिडा के उरबनडेल शहर में हो रहे तीरंदाजी वर्ल्ड कप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने यह मेडल मिक्स्ड कंपाउंड इवेंट में अपनी पार्टनर सुरेखा वेणम के साथ मिलकर जीता। फाइनल मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने चीनी ताइपे की टीम को 153-151 के करीबी स्कोर से हराया।

गुरुग्राम, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। गुरुग्राम के युवा तीरंदाज और गुरु काशी विश्वविद्यालय में एमबीए फर्स्ट ईयर के छात्र ऋषभ यादव ने अमेरिका के फ्लोरिडा के उरबनडेल शहर में हो रहे तीरंदाजी वर्ल्ड कप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने यह मेडल मिक्स्ड कंपाउंड इवेंट में अपनी पार्टनर सुरेखा वेणम के साथ मिलकर जीता। फाइनल मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने चीनी ताइपे की टीम को 153-151 के करीबी स्कोर से हराया।

मैच की शुरुआत में चीनी ताइपे की टीम ने मामूली बढ़त बना ली थी, लेकिन आखिरी राउंड में दोनों ने लगातार दो परफेक्ट शॉट लगाकर शानदार जीत दर्ज की। भारतीय जोड़ी ने स्पेन, डेनमार्क और स्लोवेनिया जैसी मजबूत टीमों को हरा कर फाइनल में अपनी जगह बनाई थी।

ऋषभ की इस उपलब्धि को व्यक्तिगत सफलता के साथ-साथ गुरु काशी विश्वविद्यालय की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। जहां देश के कई हिस्सों में तीरंदाजी अभी मुख्यधारा के खेलों में शामिल नहीं हो पाई है, वहीं गुरु काशी विश्वविद्यालय जैसे संस्थान युवाओं को प्रशिक्षण देने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एस. गुरलाभ सिंह सिद्धू और कुलपति प्रो. (डॉ.) रमेश्वर सिंह ने ऋषभ को बधाई दी और इस सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय के खेलों पर बढ़ते फोकस को दिया। डॉ. सिंह ने कहा, “यह जीत दिखाती है कि जब छात्रों को सही माहौल मिलता है, तो वे देश के लिए गौरव बन सकते हैं।”

खेल निदेशक डॉ. राजकुमार शर्मा ने भी फाइनल मुकाबले को धैर्य की परीक्षा बताया, उन्होंने कहा, “शुरुआत कमजोर रही, लेकिन दबाव में संयम और फोकस ने अंत में फर्क पैदा कर दिया।” ऋषभ की यह जीत न केवल गुरु काशी विश्वविद्यालय, बल्कि पूरे हरियाणा के लिए गर्व का क्षण है। यह इस बात का प्रमाण है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल प्रतिभाओं को भी समान महत्व देना जरूरी है।

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Created On :   17 April 2025 9:54 PM IST

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