अंतरराष्ट्रीय: चीन के अंटार्कटिक वैज्ञानिक अभियान दल ने प्रगति प्राप्त की

बीजिंग, 11 मार्च (आईएएनएस)। चीन के 41वें अंटार्कटिक वैज्ञानिक अभियान दल ने हाल में अंटार्कटिका के अमुंडसेन सागर और रॉस सागर में समुद्र विज्ञान अनुसंधान मिशन पूरा किया। इस दौरान दल के सदस्यों ने जलवैज्ञानिक अवलोकन समेत कई परियोजनाएं की।
अमुंडसेन सागर में ऑपरेशन के दौरान वैज्ञानिक अभियान दल ने इक्स्पेन्डबल बाथिथर्मोग्राफ (एक्सबीटी) डाला। दल के सदस्य सुन योंगमिंग ने कहा कि यह अलग-अलग गहराई पर समुद्री जल के तापमान और लवणता को मापता है, जो एक डिस्पोजेबल डिवाइस है। समुद्र तल में डूबते समय सेंसर तापमान और लवणता डेटा एकत्र करता है और इसे बहुत पतले तार के माध्यम से कंप्यूटर तक पहुंचाता है।
सुन योंगमिंग ने कहा कि अब श्वेयलोंग-2 (स्नो ड्रैगन-2) नामक बर्फ भंजक जहाज दक्षिणी महासागर में एक अग्रवर्ती जंक्शन क्षेत्र में स्थित है। वहां भिन्न गुणों वाले दो जल द्रव्यमान मिलते हैं। ऐसे स्थान में जलवैज्ञानिक संरचना जटिल और परिवर्तनशील होती है। जांच में सभी डेटा सामान्य हैं।
अंटार्कटिका के अमुंडसेन सागर में वैज्ञानिक अभियान दल के सदस्यों ने एक दुर्लभ ध्रुवीय महासागरीय घटना भी देखी, यानी कि पोलिनेया। दल के सदस्य सुन योंगमिंग ने कहा कि पोलिनेया के उत्पन्न होने के दो तरीके हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है अंटार्कटिका महाद्वीपीय काटाबेटिक पवन का प्रभाव। तेज काटाबेटिक हवा तट के पास नवनिर्मित समुद्री बर्फ को उड़ा ले जाती है। इससे बर्फ रहित पानी का भंडार बनता है। समय और मौसम के परिवर्तन के चलते पोलिनिया सिकुड़ते और फैलते हैं।
बताया जाता है कि अब परि-अंटार्कटिक क्षेत्र में बहुत पोलिनिया मौजूद हैं। अमुंडसेन सागर स्थित पोलिनिया इनमें से एक है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Created On :   11 March 2025 5:48 PM IST