महाकुंभ 2025: पुरातन मान्यताओं को पुनर्जीवित करने के लिए बधाई के पात्र हैं सीएम योगी राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर

पुरातन मान्यताओं को पुनर्जीवित करने के लिए बधाई के पात्र हैं सीएम योगी  राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर
अपनी दिव्यता-भव्यता के साथ महाकुंभ नित नए सोपानों की ओर अग्रसर है। शनिवार को इस क्रम में केरल के गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने भी त्रिवेणी संगम में स्नान कर खुद को धन्य माना। अर्लेकर ने परिवार समेत त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुरातन मान्यताओं को पुनर्जीवित करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को अभिनंदन का पात्र बताया।

महाकुंभ नगर, 22 फरवरी (आईएएनएस)। अपनी दिव्यता-भव्यता के साथ महाकुंभ नित नए सोपानों की ओर अग्रसर है। शनिवार को इस क्रम में केरल के गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने भी त्रिवेणी संगम में स्नान कर खुद को धन्य माना। अर्लेकर ने परिवार समेत त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुरातन मान्यताओं को पुनर्जीवित करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को अभिनंदन का पात्र बताया।

गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि महाकुंभ में अद्भुत व्यवस्था करने के लिए सीएम योगी को बधाई देता हूं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की व्यवस्थाओं की भी तारीफ की।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ हमारे राष्ट्रीय एकात्मता का भी प्रतीक है। देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं, जो महाकुंभ के विराट स्वरूप और लोगों के बीच इसके सहज आकर्षण को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि हम एक राष्ट्र हैं, पुरातन राष्ट्र हैं, ऐसे में यहां डुबकी लगाने के बाद हमें हमारे सनातन गौरव की अनुभूति होती है।

उन्होंने कहा कि मेरी गंगा मैया, यमुना मैया और सरस्वती मैया से प्रार्थना है कि हमारे देश में ऐसा ही एक वातावरण कायम रहे, जिससे हमारे देश की प्रगति उत्तरोत्तर होती रहे और राष्ट्रीय एकात्मता बनी रहे। यह बेहद प्रसन्नता का विषय है कि सनातन मूल्यों के प्रति लोग जागृत हो रहे हैं।

अगर महाकुंभ में पवित्र स्नान करने वालों की संख्या की बात करें तो यह शनिवार को 60 करोड़ से भी ऊपर पहुंच गई। अभी महाकुंभ के समापन में पांच दिन शेष है और महत्वपूर्ण महाशिवरात्रि का स्नान पर्व बचा है। पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की यह संख्या 65 करोड़ के ऊपर जा सकती है।

अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था। जबकि, 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया।

इसके अलावा 30 जनवरी और एक फरवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई। बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी। वहीं, माघी पूर्णिमा पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया।

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Created On :   22 Feb 2025 8:03 PM IST

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