राजनीति: उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही में पांच क्षेत्रीय भाषाओं को जगह देना अच्छा निर्णय अपर्णा यादव

उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही में पांच क्षेत्रीय भाषाओं को जगह देना अच्छा निर्णय  अपर्णा यादव
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने राज्य की स्थानीय बोलियों, भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को विधानसभा की कार्यवाही में स्थान देने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने मंगलवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि यह एक सराहनीय कदम है।

लखनऊ, 19 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने राज्य की स्थानीय बोलियों, भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को विधानसभा की कार्यवाही में स्थान देने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने मंगलवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि यह एक सराहनीय कदम है।

उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने कहा, "मुझे खुशी है कि विधानसभा की कार्यवाही में पांच क्षेत्रीय भाषाओं को जगह दी गई है। जो विपक्ष इसे लेकर सवाल उठा रहा है, वह कुछ समय से मांग कर रहा था कि क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया जाए। अब जब हमारी सरकार ने करके दिखा दिया है तो विपक्ष क्यों परेशान है। मुझे लगता है कि विपक्ष अपने बयान से पलट गया है और लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।"

अपर्णा यादव ने कांग्रेस नेता उदित राज के बयान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "यह वही कांग्रेस है, जो चुनाव के समय मायावती के पैरों में गिर गई थी। आप खुद ही समझ सकते हैं कि कांग्रेस की पॉलिसी क्या है। मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, ऐसे में उनके खिलाफ बयान देना गलत है।"

उन्होंने कॉमेडियन अनुभव बस्सी के शो कैंसिल होने पर कहा, "उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ने मेरे पत्र का संज्ञान लिया और शो को एनओसी नहीं दी, जिससे हजारों युवाओं का भला हुआ है। मैं बताना चाहती हूं कि ऐसे शो में माता-बहनों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की जाती है। मेरी सभी कॉमेडियन से अपील है कि वे इस तरह की टिप्पणियां न करें। वे युवा हैं, इसलिए उनकी ज्यादा जिम्मेदारी बनती है। मुझे लगता है कि ऐसे शो को रोकना जरूरी है।"

मशहूर यूट्यूबर एवं पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर अपर्णा यादव ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं, आज कोर्ट ने बहुत ही अच्छी बात कही है। मुझे लगता है कि केंद्र सरकार को जल्द ही कोई निर्णय लेना चाहिए। आजकल के सभी युवा यूट्यूब देखते हैं, ऐसे में वहां कोई अश्लील कंटेंट होगा तो बच्चे अपने माता-पिता की कैसे इज्जत करेंगे। आज कोर्ट ने साफ संदेश दिया है कि अगर कोई भी अश्लील कंटेंट पेश करेगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

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Created On :   19 Feb 2025 12:12 AM IST

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