राजनीति: शहजाद पूनावाला का राहुल गांधी पर तंज, कहा- 'बताएं हिंडनबर्ग के साथ उनका रिश्ता क्या कहलाता है'

शहजाद पूनावाला का राहुल गांधी पर तंज, कहा- बताएं हिंडनबर्ग के साथ उनका रिश्ता क्या कहलाता है
अमेरिका स्थित कंपनी 'हिंडनबर्ग रिसर्च' अब बंद होने जा रही है। इसका ऐलान खुद इसके संस्थापक एन. एंडरसन ने किया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए इस पर प्रतिक्रया दी और कांग्रेस पर निशाना साधा।

नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका स्थित कंपनी 'हिंडनबर्ग रिसर्च' अब बंद होने जा रही है। इसका ऐलान खुद इसके संस्थापक एन. एंडरसन ने किया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आईएएनएस से बात करते हुए इस पर प्रतिक्रया दी और कांग्रेस पर निशाना साधा।

शहजाद पूनावाला ने 'हिंडनबर्ग रिसर्च' कंपनी के बंद होने को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि आज एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि हिंडनबर्ग सुपारी लेकर देश की अर्थव्यवस्था के खिलाफ एक हिट जॉब कर रहा था। उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं थी। अब हिंडनबर्ग पर ताला लग गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर ध्यान दिया। हिंडनबर्ग के ऊपर जांच शुरू हुई क्योंकि उन्होंने अपनी जेब गरम करने के लिए भारत के निवेशकों का करोड़ों रुपये का नुकसान किया। उनके ऊपर यूनाइटेड स्टेट में भी डिपार्मेंट ऑफ जस्टिस की इंक्वारी चल रही थी।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, उनके शब्दों को भगवान के शब्द राहुल गांधी मानते थे। आज राहुल गांधी और उनके इकोसिस्टम को ना केवल माफी मांगनी चाहिए, बल्कि उनको ये भी बताना चाहिए कि हिंडनबर्ग के साथ उनका ये रिश्ता क्या कहलाता है? क्या ये संयोग था, ये प्रयोग था या ये सोरोस का उपयोग था। हिंडनबर्ग से रिपोर्ट आती थी, देर रात कांग्रेस वाले इसी को उठाकर संसद को हाईजैक करते थे। भारत की अर्थव्यवस्था के खिलाफ आर्थिक अराजकता, आर्थिक आतंकवाद फैलाने का काम किया गया।

अब तो साफ है कि राहुल गांधी ने कल बता दिया है कि वो भाजपा के विरोध में नहीं है। उनकी टूल किट का सबसे बड़ा टूल हिंडनबर्ग अब इस गैंग से छूट चुका है। क्या राहुल गांधी अब देश से या देश के निवेशकों से माफी मांगेंगे। क्यों ऐसी साजिश कुछ विदेशी हाथों की ताकतों के साथ वो मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था के खिलाफ रच रहे थे, उसका जवाब उनको देना चाहिए।

वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आने के साथ ही हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने का फैसला कोई आश्चर्य की बात नहीं है। अमेरिकी न्याय विभाग फर्म के संचालन की जांच करने की योजना बना रहा है, इसलिए यह विचार करना उचित है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्टों पर कैसे भरोसा किया। उन्होंने अक्सर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और संसदीय कार्यवाही को बाधित किया, इस संदिग्ध जॉर्ज सोरोस-वित्त पोषित संगठन के निष्कर्षों के आधार पर अपने कार्यों को अंजाम दिया।"

उन्होंने आगे कहा, "हिंडेनबर्ग और उनके प्रायोजकों ने भारतीय शेयर बाजार को निशाना बनाया, जिसमें खुदरा निवेशकों की भारी भागीदारी देखी गई, और कांग्रेस पार्टी उनके भयावह एजेंडे के अनुरूप काम कर रही थी।"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   16 Jan 2025 1:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story