राजनीति: मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जल्द करेंगी जरूरी कार्रवाई टीएमसी सांसद जून मालिया

मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जल्द करेंगी जरूरी कार्रवाई  टीएमसी सांसद जून मालिया
पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एमएमसीएच) में प्रसव मामलों में एक महिला की मौत और चार अन्य की स्थिति गंभीर होने के मामले में टीएमसी सांसद जून मालिया ने अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी से इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर भेजी गई है। इस मामले में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बहुत जल्द जरूरी कार्रवाई करेंगी।

कोलकाता, 12 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एमएमसीएच) में प्रसव मामलों में एक महिला की मौत और चार अन्य की स्थिति गंभीर होने के मामले में टीएमसी सांसद जून मालिया ने अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी से इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर भेजी गई है। इस मामले में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बहुत जल्द जरूरी कार्रवाई करेंगी।

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मैंने रविवार को मेदिनीपुर अस्पताल का दौरा किया। मैं अस्पताल के जनरल वार्ड में भी गई। सभी माताएं और उनके नवजात स्‍वस्थ हैं। अभी एनएस और आरएल सलाइंस लोकल डिस्पेंसरी से खरीदी जाती हैं। प्रदेश की राजधानी से इस मामले के लिए एक कमेटी गठित करके भेजी गई है। वह कमेटी इस मामले पर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी। इस मामले में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बहुत जल्दी जरूरी कार्रवाई करेंगी।"

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में प्रसव मामलों में एक महिला की मौत हो गई और चार अन्य की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। शनिवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

मृतक महिला के परिजनों का आरोप है कि महिला को जो ‘रिंगर्स लैक्टेट’ (आरएल) दिया गया था, वह ‘एक्सपायर’ हो चुका था, इसील‍िए महिला की मौत हुई। परिजनों ने इस मामले में कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

बता दें कि इससे पहले शनिवार को भारतीय जनता पार्टी नेता समिक भट्टाचार्य ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया था।

समिक भट्टाचार्य ने आईएएनएस से कहा था, "सरकार के पास पर्याप्त धन नहीं है। इसकी वजह से सरकार ठीक से दवाइयां खरीद नहीं पा रही है। अगर आज आप किसी भी जिला अस्पताल में जाएं, तो आपको बहुत सी जीवन रक्षक दवाइयां नहीं मिलेंगी। कैंसर के इलाज के लिए जो दवाइयां चाहिए, वह भी सरकार के पास नहीं हैं। सरकार ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तो बनाए, लेकिन उनका मुख्य काम मरीजों को कोलकाता भेजना हो गया है। अब कोलकाता में भी पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं।"

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Created On :   12 Jan 2025 8:05 PM IST

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