राजनीति: राजनीति और धर्म से पहले हमें संविधान को प्राथमिकता देनी चाहिए जीतू पटवारी
भोपाल, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीत पटवारी ने शुक्रवार को संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया। उन्होंने कहा, "राजनीति और धर्म से पहले हमें संविधान को प्राथमिकता देनी चाहिए।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। संविधान को बचाने के लिए हमें एकजुट होना होगा।
उन्होंने कहा, “आज बाबा साहेब अंबेडकर को स्मरण करने का दिन है। बाबा साहेब ने संविधान की रचना कर आम नागरिक को अधिकार और सुरक्षा का भरोसा दिया। लेकिन आज, जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उनसे लगता है कि संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह चिंता का विषय है। बाबा साहब ने यह संदेश दिया था कि संविधान का उपयोग किस प्रकार किया जाएगा, यह उन पर निर्भर करता है, जो इसे लागू करते हैं। लेकिन आज जो सरकार है, वह सत्ता के मद में रोज संविधान का मखौल उड़ा रही है। हमें, खासकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को, संविधान की रक्षा के लिए अपने संघर्ष को जारी रखना चाहिए, क्योंकि यह हमारे महापुरुषों का बलिदान है। हमें संविधान की रक्षा करनी चाहिए और धर्म और जाति से ऊपर उठकर संविधान के अनुसार काम करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “अगर हमें खून के आखिरी कतरे तक संविधान की रक्षा करनी है, तो इसके लिए हमें सजग और सतर्क रहना होगा। राजनीति और धर्म से पहले हमें संविधान को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
कृषि मंत्री के दिए गए गैर-जिम्मेदार बयान पर प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह बयान बिल्कुल गलत है और मंत्री इस तरह के बयान देकर कृषि मंत्रालय में बने रहने के लायक नहीं हैं। मंत्री ने जिस तरह से बयान दिया कि महिला को खाद के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ा और बड़ी लाइन में लगना पड़ा, यह सब असंवेदनशील है।
उन्होंने कहा, “मंत्री को बताना चाहिए कि खाद कहां पहुंचना चाहिए, ताकि यह साफ हो सके कि सरकार खाद देने के बजाय लोगों को डराने और परेशान करने में लगी है। नेता प्रतिपक्ष ने जो कहा कि मंत्री का इस्तीफा होना चाहिए, वह सही है। मुख्यमंत्री जी को इस समय कृषि मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए।”
निर्मला सप्रे के मामले में जीतू पटवारी ने कहा कि हमने पहले नगर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से शिकायत की थी। लेकिन, उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब हम इस मामले को कोर्ट में ले जा रहे हैं। कोर्ट ने 9 तारीख को सुनवाई तय की है, और हम तब तक निर्मला सप्रे का इस्तीफा लेकर मानेंगे, और नया चुनाव होगा, जिसमें हम जीतकर साबित करेंगे कि सही क्या है।
कांग्रेस का आरोप है कि लोकसभा चुनाव से पहले सप्रे ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी इसलिए उन्हें विधानसभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया जाना चाहिए। हालांकि एमएलए इसको खारिज करती आई हैं। निर्मला सागर के बीना से कांग्रेस की विधायक हैं।
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Created On :   6 Dec 2024 2:39 PM IST