राजनीति: विहिप ने उठाई बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा की आवाज, सरकार से की हस्तक्षेप की मांग

विहिप ने उठाई बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा की आवाज, सरकार से की हस्तक्षेप की मांग
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की दिल्ली इकाई ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचार का विरोध करते हुए सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की दिल्ली इकाई ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचार का विरोध करते हुए सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान धर्म गुरु और महंत नवल किशोर दास ने मीडिया को बताया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोग निर्दोष हैं और इस्लामी कट्टरपंथी उन पर अत्याचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों द्वारा हिंदुओं की हत्याएं की जा रही हैं, उनके घर जलाए जा रहे हैं और बहन-बेटियों के साथ अत्याचार हो रहे हैं। यह बेहद शर्मनाक है।

महंत नवल किशोर दास ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह बांग्लादेश सरकार पर कूटनीतिक दबाव डालते हुए वहां के हिंदुओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा, "हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि दुनिया में उनके नेतृत्व का जो वर्चस्व है, उसे बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल करें ताकि वहां के हिंदुओं की रक्षा की जा सके।"

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि पूरा मानवाधिकार कहां गया? कहां है वह आवाज जो पहले इस तरह के मामलों पर उठती थी? क्यों अब चुप हैं लोग? अगर हिंदू मारा जा रहा है तो क्यों सब चुप हैं? सभी हिंदुओं को एकजुट होकर इसका प्रतिकार करना होगा और बांग्लादेश सरकार को विवश करना होगा कि वह अपने देश में हिंदुओं की रक्षा करे।

महंत नवल किशोर दास ने संभल की घटना को लेकर कहा कि यह संभल और अजमेर की घटनाएं नहीं हैं। वहां पर तो एक मंदिर को मस्जिद में बदल दिया गया था। इस्लाम में पक्की दरगाह नहीं बन सकती, लेकिन आज वहां चादर चढ़ाई जा रही है। हम यह कह रहे हैं कि वहां मंदिर था और आप इसे मस्जिद बता रहे हैं, तो इसका सर्वे करवा लिया जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वहां क्या था। हम कानूनी तरीके से उस मंदिर को वापस लाने की कोशिश करेंगे।

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Created On :   2 Dec 2024 8:21 PM IST

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