राजनीति: सज्जाद नोमानी ने स्वीकार किया कि उन्होंने मुस्लिमों के धर्म को खतरे में डालने की कोशिश की किरीट सोमैया

सज्जाद नोमानी ने स्वीकार किया कि उन्होंने मुस्लिमों के धर्म को खतरे में डालने की कोशिश की  किरीट सोमैया
महाराष्ट्र चुनाव के दौरान 'वोट जिहाद' पर दिए गए विवादित बयान को लेकर चर्चा में आए मौलाना सज्जाद नोमानी ने अब अपने बयान पर माफी मांग ली है। चुनाव परिणामों के बाद मौलाना नोमानी ने एक पत्र जारी करते हुए बिना शर्त माफी मांगी और स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। इस पर भारतीय जनता पार्टी नेता किरीट सोमैया ने चुनाव आयोग से शिकायत की है।

मुंबई, 26 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र चुनाव के दौरान 'वोट जिहाद' पर दिए गए विवादित बयान को लेकर चर्चा में आए मौलाना सज्जाद नोमानी ने अब अपने बयान पर माफी मांग ली है। चुनाव परिणामों के बाद मौलाना नोमानी ने एक पत्र जारी करते हुए बिना शर्त माफी मांगी और स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। इस पर भारतीय जनता पार्टी नेता किरीट सोमैया ने चुनाव आयोग से शिकायत की है।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, “आज सज्जाद नोमानी ने खुद स्वीकार किया कि उन्होंने वोट की राजनीति और मुस्लिमों के धर्म को खतरे में डालने की कोशिश की थी, और इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी है। मैंने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि सज्जाद नोमानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।”

उन्होंने कहा, “अब महायुत‍ि में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? यह सवाल महाराष्ट्र की जनता का है, क्योंकि महाराष्ट्र को विकास की दिशा में सबसे आगे ले जाने वाला मुख्यमंत्री वही बनेगा।”

संविधान दिवस पर उन्होंने कहा, “आज संविधान दिवस है, और लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान संविधान के मुद्दे पर कई तरह की बातें फैलाई गईं। जिस तरह से वोट की राजनीति और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश की गई, उसे लेकर मुझे यह कहना है कि राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मतदाताओं को गुमराह करने की पूरी कोशिश की। लेकिन विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया।”

उन्होंने कहा, “कुछ लोग बार-बार कहते हैं कि संविधान खतरे में है, लेकिन क्या बाबा साहेब अंबेडकर का विरोध करने वाले ये लोग संविधान के असली महत्व को समझते हैं? आज उनके विरोधी जो कभी खुद को संविधान का रक्षक बताते थे, आज वही लोग महाराष्ट्र विधानसभा में संकट में हैं।”

अंत में वायनाड से प्रियंका गांधी की जीत पर उन्होंने कहा, “एक ही परिवार के तीन लोग लोकसभा में हैं, क्या यह संविधान के अनुरूप है? इसके बावजूद, महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के केवल कुछ विधायक ही जीते हैं। तो अब कांग्रेस का क्या होगा? क्या परिवारवाद को बढ़ावा देना उनका मकसद है?”

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Created On :   26 Nov 2024 11:14 PM IST

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