राजनीति: एबीवीपी राष्ट्रीय अधिवेशन सरकारें सभी को नौकरियां नहीं दे सकतीं, केवल सुलभ वातारण प्रदान कर सकती हैं श्रीधर वेम्बू
गोरखपुर, 22 नवंबर (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ शुक्रवार को गोरखपुर स्थित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय परिसर में जोहो कॉरपोरेशन के सीईओ और भारतीय उद्योगपति श्रीधर वेम्बू ने किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकारें सभी को नौकरियां प्रदान नहीं कर सकती हैं, केवल इसके हेतु सुलभ वातावरण निर्मित कर सकती हैं। भारत को आज स्वावलंबन की ओर अग्रसर होने की आवश्यकता है। आत्मविश्वास, आत्म प्रेरणा एवं आत्म-अनुशासन व्यक्ति के जीवन को सार्थक बनाने में महती भूमिका निभाते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण आत्म-अनुशासन के गुण विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं में परिलक्षित होते हैं। हमें असफलताओं से कभी भयभीत नहीं होना चाहिए, इससे संकल्प शक्ति मिलती है और इस शक्ति के साथ जब दृढ़ विश्वास के साथ व्यक्ति कार्य करता है, तब वह निश्चित रूप में सफलता प्राप्त करता है। आज हम विकसित भारत की संकल्पना की बात करते हैं, इसके हेतु केवल एक जिले को नहीं अपितु समूचे भारत के सभी जिलों को विकसित होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि संस्कृत में भी कहा गया है 'धर्मस्य मूलं अर्थ:', जिसका मतलब है धर्म का आधार अर्थ है। यदि आर्थिक मजबूती नहीं रहेगी, तो धर्म भी पूर्ण रूप से नहीं रह पाएगा। भारत को नवाचार का केंद्र बनाने का समय आ गया है। इसके लिए शिक्षा, तकनीकी विकास, और सामाजिक समर्पण को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही उद्यमिता काफी महत्वपूर्ण है और इसी के माध्यम से स्वावलंबन की ओर हम आगे बढ़ सकेंगे। संतुलन, समरसता और सद्भाव से ही हम विकास के पथ पर अग्रसर हो सकेंगे, किंतु हमें यह ध्यान रखना चाहिए, इसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति के संवर्धन से जुड़ा होना चाहिए और प्रकृति के सामंजस्य के साथ चलना चाहिए।
एबीवीपी के नवनिर्वाचित महामंत्री वीरेंद्र सोलंकी ने कहा कि भारतीय एकात्मकता के लिए अभाविप कार्यकर्ता निरंतर प्रयास कर रहे हैं। आज 76 वर्षों की अभाविप बहुआयामी वट वृक्ष का रूप ले चुकी है, समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान में अभाविप कार्यकर्ता अपने रचनात्मक प्रयासों से परिवर्तन लाने का काम कर रहे हैं।
अभाविप के निवर्तमान राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने अधिवेशन में आंकड़ा रखा कि विद्यार्थी परिषद ने इस वर्ष सदस्यता के सभी पुराने आंकड़ों को पार कर वर्ष 2023-24 में 55,12,470 सदस्यता दर्ज की है। विद्यार्थी परिषद की 76 वर्ष की संगठनात्मक यात्रा में यह संख्या सर्वाधिक है।
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Created On :   22 Nov 2024 6:25 PM IST