राजनीति: जब भी भारत बंटा है, तब-तब देश पर हमला हुआ है आरपी सिंह
नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के धुले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘एक हैं, तो सेफ हैं’। रतीय जनता पार्टी प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने उनके इस बयान का समर्थन किया है।
भाजपा प्रवक्ता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने बिल्कुल सही कहा है कि अगर हम एकजुट रहेंगे, तो सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि जब भी भारत बंटा है, तब-तब हमारे देश पर बाहरी हमलावरों ने हमला किया है। हाल ही में बांग्लादेश में भी आपसी लड़ाई के चलते उसे बड़ा नुकसान हुआ। इसी तरह अगर भारत में आपसी झगड़े बढ़ेंगे, तो इसका नुकसान देश को ही होगा।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मतलब है कि अगर "पूरा देश एक रहेगा, हिंदू एक रहेगा, तो बाकी लोग भी एकजुट होकर देश की तरक्की में योगदान देंगे", यह बिल्कुल सही है। जब देश एकजुट होता है, तब तरक्की होती है।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी जी की जितनी योजनाएं हैं, वे सभी के लिए एक समान हैं, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान। ये योजनाएं किसी भी धर्म, जाति या समुदाय के लिए अलग नहीं होतीं। यह कांग्रेस और अखिलेश यादव की सरकारों के समय की बात नहीं है, जब यह पूछा जाता था कि कौन से गांव में मुसलमान रहते हैं, तो पहले उन्हें बिजली दी जाती थी, बाकी को बाद में।"
आर.पी. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी को समान रूप से लाभ मिले। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि देश के संसाधनों पर पहले मुसलमानों का अधिकार है, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया है कि अगर हम एकजुट रहेंगे, तो हम सुरक्षित रहेंगे।”
भाजपा नेता ने पीएम मोदी के उस बयान का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी नहीं करा सकती। उन्होंने कहा, “इस अनुच्छेद को संसद ने समाप्त किया और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे मान्यता दी। इसके बावजूद कांग्रेस और कुछ नेता अभी भी इसे वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यह स्पष्ट हो चुका है कि कश्मीर का पूर्ण विलय हो चुका है। अब यह तय करना होगा कि क्या हम कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देना चाहते हैं या एकजुटता को बनाए रखना चाहते हैं। अगर हम कश्मीर के वाल्मीकि समाज की बात करें, तो प्रधानमंत्री मोदी ने सुनिश्चित किया है कि उन्हें बराबरी का अधिकार मिले, उन्हें नौकरी में समान अवसर मिले, और उन्हें वोटिंग का अधिकार मिले। अब यह सवाल है कि क्या हम उन अधिकारों को बरकरार रखना चाहते हैं, या उन्हें वापस छीनना चाहते हैं। समाज को यह तय करना होगा कि हम एकजुट होकर देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं, या फिर इसे बांटकर नुकसान उठाना चाहते हैं।”
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Created On :   8 Nov 2024 5:55 PM GMT