राष्ट्रीय: राजस्थान में टोल नियम बदले, कान्ट्रेक्ट की अवधि घटाकर एक साल की गई

राजस्थान में टोल नियम बदले, कान्ट्रेक्ट की अवधि घटाकर एक साल की गई
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बुधवार को राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) बोर्ड को सभी टोल्स पर फास्टैग चालू करने का जरूरी निर्देश दिया।

जयपुर, 28 अगस्त (आईएएनएस)। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बुधवार को राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) बोर्ड को सभी टोल्स पर फास्टैग चालू करने का जरूरी निर्देश दिया।

उप मुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग की मंत्री दिया कुमारी ने बुधवार को निगम बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने बोर्ड में टोल नीति में महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी। इसके साथ ही अधिकारियों को प्रदेश के सभी टोल बूथों पर टोल कलेक्शन फास्टैग से करवाने तथा सभी स्थानों पर रेट बोर्ड लगाने का निर्देश दिया।

उपमुख्यमंत्री ने आरएसआरडीसी भवन में स्थापित फास्टैग कमांड सेंटर का निरीक्षण किया। इस सेंटर के माध्यम से प्रदेश के सभी फास्टैग आधारित संचालित टोल प्लाजाओं की लाइव मॉनिटरिंग की जा सकती है। सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कमांड सेंटर में लगी स्क्रीन पर टोल्स का लाइव व्यू उपलब्ध होता है।

बता दें कि कमांड सेंटर में लगे डैशबोर्ड पर यह देखा जा सकता है कि किस दिशा से और किस प्रकार के वाहन टोल से गुजर रहे हैं। वहां एकत्र होने वाले रेवेन्यू को रियल टाइम वॉच किया जा सकता है।

उपमुख्यमंत्री ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आयेगी। टोल कर्मियों के नागरिकों के साथ व्यवहार पर भी इसके माध्यम से नजर रखी जा सकती है और आवश्यकता के अनुसार ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सभी टोलों पर फास्टैग तत्काल चालू करके फास्टैग कमांड सेंटर से जोड़ने का निर्देश दिया।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने टोल नीति में सुधार के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी। उन्होंने कहा है कि टोल नियमों में किये गये इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से टोल संवेदकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और टोल टैक्स जुटाने की प्रक्रिया नियमित होगी, जिससे राजस्व बढ़ेगा।

बैठक में टोल के कान्ट्रेक्ट की अवधि दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दी गई है जिसे अधिकतम तीन महीने तक बढ़ाया जा सकेगा। नियमों की पालना नहीं करने पर एक लाख रुपये प्रति गलती की पेनाल्टी का प्रावधान रखा गया है। यह दस्तावेज राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नियमों के अनुरूप तैयार किया गया है।

गौरतलब है कि आरएसआरडीसी बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक में सड़क निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव प्रवीण गुप्ता, शासन सचिव आयोजना नवीन जैन, परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा, सड़क निर्माण विभाग के शासन सचिव डी.आर. मेघवाल तथा आरएसआरडीसी के प्रबन्ध निदेशक सुनील जय सिंह सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।

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Created On :   28 Aug 2024 11:15 PM IST

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