राजनीति: ‘बस अब बहुत हो गया.....’, भारत में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पर राष्ट्रपति ने लिखा गुस्से से भरा पत्र
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले को लेकर लोगों में व्याप्त आक्रोश के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिला सुरक्षा के संबंध में पत्र लिखकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, “आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जब मैं इस घटना से अवगत हुई, तो मैं खुद निजी तौर पर भयभीत हुई। इस घटना के विरोध में डॉक्टर सहित आम नागरिकों में रोष है। कोई भी सभ्य समाज बहन-बेटियों के साथ इस तरह की क्रूर घटना को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकता है। पूरा देश इस घटना से आक्रोशित है। सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।”
उन्होंने अपने पत्र में आगे कहा, “गत वर्ष महिला दिवस के मौके पर मैंने इस संबंध में अपने निजी विचार साझा किए थे। मैंने महिलाओं द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया था और इस बात पर जोर भी दिया था कि यह किस तरह अन्य महिलाओं को जीवन में कुछ खास करने की दिशा में प्रेरित करता है, लेकिन इसके साथ ही मुझे जब कभी महिलाओं के साथ हो रहे दुराचार से संबंधित खबरें मिलती हैं, तो मैं उद्वेलित हो उठती हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “हाल ही में एक स्कूली बच्ची ने मुझसे ऐसी बात कही कि मैं भावुक हो गई। दरअसल, वो बच्ची रक्षा बंधन के मौके पर राष्ट्रपति भवन आई थी। उसने मुझे राखी बांधने के बाद कहा कि क्या आप हमें आश्वस्त कर सकती हैं कि निकट भविष्य में हमारे समाज में निर्भया जैसी घटना नहीं होगी? उस बच्ची की इस बात ने मेरे दिल को झकझोर दिया। मैंने उन्हें बताया कि हमारी सरकार महिला सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। हम महिलाओं को हर प्रकार की सुरक्षा महैया करा रहे हैं। इसके अलावा, उन्हें किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सेल्फ डिफेंस के गूढ़ भी सीखा रहे हैं, ताकि अगर उन्हें निकट भविष्य में इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़े, तो वो डट कर इसका मुकाबला कर सकें।”
राष्ट्रपति ने अपने पत्र में कहा, “अब समय आ चुका है कि हम महिला सुरक्षा के संबंध में कुछ तीखे सवाल करें कि आखिर हमसे चूक कहां हुई है? और हम इन गलतियों को दूर करने की दिशा में क्या कुछ कदम उठा सकते हैं? इन सवालों के जवाब तलाशे बिना हम जी नहीं सकते हैं।”
पत्र में आगे कहा, “मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगी कि हमारा संविधान सभी लोगों को समानता का अधिकार देता है। हमने अपने देश में तब समानता का अधिकार देना शुरू किया था, जब यह विश्व के कुछ देशों में महज अवधारणा भर था।”
राष्ट्रपति ने पत्र में निर्भया मामले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “2012 के निर्भया मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना के बाद पूरा देश आक्रोशित था। इस घटना के बाद हमने महिला सुरक्षा के संबंध में कई तरह के कदम उठाए थे। जिसे हमने जमीन पर उतारने का काम किया, लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी आज भी देशभर से कई ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जिसने महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। लेकिन, आज सवाल यह है कि हमने इस घटना से क्या सीखा है?”
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले को ध्यान में रखते हुए यह लेटर लिखा है। बीते दिनों प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी, जिसे लेकर पूरे देश में आक्रोश है। प्रदर्शनकारी डॉक्टर लगातार इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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Created On :   28 Aug 2024 8:07 PM IST