लोकसभा चुनाव 2024: दक्षिण में भाजपा ने काफी मेहनत की है और इसका फल उसे मिलता नजर आ रहा है प्रदीप गुप्ता (आईएएनएस साक्षात्कार)

दक्षिण में भाजपा ने काफी मेहनत की है और इसका फल उसे मिलता नजर आ रहा है  प्रदीप गुप्ता (आईएएनएस साक्षात्कार)
देश के जाने माने चुनाव विश्लेषक और सर्वे एजेंसी एक्सिस माय इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. प्रदीप गुप्ता ने आईएएनएस से खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने एग्जिट पोल से लेकर, मोदी फैक्टर, राहुल गांधी के खटाखट-खटाखट जैसे चुनावी कैंपेन को लेकर जवाब दिया।

नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। देश के जाने माने चुनाव विश्लेषक और सर्वे एजेंसी एक्सिस माय इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. प्रदीप गुप्ता ने आईएएनएस से खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने एग्जिट पोल से लेकर, मोदी फैक्टर, राहुल गांधी के खटाखट-खटाखट जैसे चुनावी कैंपेन को लेकर जवाब दिया।

सर्वे में दक्षिण में भाजपा को सफलता मिलती नजर आ रही है, इसका सबसे बड़ा फैक्टर क्या रहा?

इसके जवाब में प्रदीप गुप्ता ने कहा कि एक समय के बाद जनता परिवर्तन चाहती है, दक्षिण की जनता देख रही है पिछले 10 साल में देश के अन्य राज्यों में केंद्र सरकार की योजनाओं का लोगों को लाभ मिला है। भाजपा ने दक्षिण में काफी मेहनत की है। जहां पर वह कमजोर थी, उन्होंने वहां पर अपनी पूरी ताकत और रिसोर्स लगाए। तमिलनाडु और केरल में इसके बाद भी भाजपा 2-4 सीट ही ला रही है। लेकिन, शुरुआत किसी पार्टी के लिए इसी तरह की होती है।

वहीं, दिल्ली में लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की असफलता जो सर्वे में दिख रही है, उसको लेकर प्रदीप गुप्ता ने कहा, "अरविंद केजरीवाल की बात है, हमने 2014 और 2019 के चुनाव में देखा है कि विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी अच्छा करती है, इस बार एमसीडी में अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन, मतदाता विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अलग प्रकार से वोट करते हैं, अलग पार्टियों को चुनते हैं और केंद्र में मोदी सरकार है। सभी यह जानते हैं कि जो आम आदमी पार्टी को वोट देंगे तो उससे उनकी सरकार नहीं बनेगी। आज की तारीख में जनता 'क्लियर कट मेंडेट' देने में विश्वास रखती है, फिर चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव।''

उन्होंने दिल्ली में आप-कांग्रेस का गठबंधन होना और पंजाब में अलग-अलग लड़ना, इसको लेकर कहा कि हर व्यक्ति मजबूत सरकार चाहता है, किसी भी पार्टी का गठबंधन न होना यह दर्शाता है कि आपके आपसी मतभेद हैं तो फिर आप किस आधार पर वोट मांग रहे हैं।

कांग्रेस की 'फ्री' वाली गारंटियों का क्या असर दिखा है, राहुल गांधी के 'खटाखट-खटाखट' जैसे मुहावरों का असर इस चुनाव में क्यों नहीं दिखा?

इसके जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान 'खटाखट-खटाखट' जैसे कैंपेन और मुहावरे तब काम आते हैं, जब कंटेंट हो और प्रोडक्ट होना चाहिए, तभी उसकी मार्केटिंग की जा सकती है। पैकेजिंग और मार्केटिंग एक अभिन्न हिस्सा है, लेकिन आपके प्रोडेक्ट के बिना मार्केटिंग अमूमन काम नहीं आती है।

बता दें कि एक्सिस माय इंडिया ने अपने सर्वे में देश की 543 लोकसभा सीटों को लेकर जो अनुमान लगाया है, उसके मुताबिक इस बार एनडीए को 361 से 401 सीटें मिल सकती है। जबकि, इंडिया गठबंधन के पक्ष में 131 से 166 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। इस सर्वे में बताया गया है कि अन्य को 8 से 20 सीटें मिल सकती हैं।

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Created On :   2 Jun 2024 8:29 PM IST

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