विज्ञान/प्रौद्योगिकी: विदेशी बैंकों के लिए विकास का आकर्षक अवसर प्रदान करता है 'भारत' वित्त मंत्री सीतारमण

विदेशी बैंकों के लिए विकास का आकर्षक अवसर प्रदान करता है भारत  वित्त मंत्री सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा है कि भारत विदेशी बैंकों के लिए विकास का एक आकर्षक अवसर प्रदान करता है और सरकार बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है।

नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा है कि भारत विदेशी बैंकों के लिए विकास का एक आकर्षक अवसर प्रदान करता है और सरकार बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने लंदन में विभिन्न पेंशन फंड, बीमा कंपनियों, बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 60 निवेशकों के साथ इंडिया-यूके इन्‍वेस्टर राउंडटेबल चर्चा को संबोधित किया।

इस संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने नीतिगत समर्थन के साथ सस्टेनेबल आर्थिक विकास और निवेश के अवसरों को सक्षम करने के लिए सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया।

वित्त मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने अनुपालन बोझ को कम करने और व्यापार और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण की सुविधा के लिए विनियमन को आसान बनाने के लिए प्रक्रिया और शासन सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।

मध्यम वर्ग के विस्तार और मजबूत और स्थिर नीतिगत माहौल के साथ, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भारत 2032 तक छठा सबसे बड़ा बीमा बाजार बनने के लिए तैयार है, जिसमें 2024-2028 तक 7.1 प्रतिशत सीएजीआर की अपेक्षित वृद्धि होगी, जो कि जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ते बीमा बाजारों में से एक होगा।

वित्त मंत्री सीतारमण ने निवेशकों को बताया कि भारतीय प्रतिभूति बाजार 2023 की शुरुआत में ही “T+1 सेटलमेंट” को पूरी तरह से अपनाने वाले पहले प्रमुख बाजारों में से एक है और भारत का बाजार पूंजीकरण 4.6 ट्रिलियन डॉलर (3.7 ट्रिलियन जीबीपी) है, जो वर्तमान में वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र जीआईएफटी-आईएफएससी के बारे में विस्तार से बात की।

उन्होंने निवेशकों को आगे बताया कि मार्च 2025 तक, बैंकों, पूंजी बाजारों, बीमा, फिनटेक, एयरक्राफ्ट लीजिंग, जहाज लीजिंग, बुलियन एक्सचेंज, आदि में 800 से अधिक संस्थाएं इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर अथॉर‍िटी (आईएफएससीए) के साथ रजिस्टर्ड हो चुकी हैं।

वित्त मंत्री ने भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को उसके आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बताते हुए प्रतिभागियों को सूचित किया कि घरेलू यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में भारत विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत लीडिंग फिनटेक इकोसिस्टम का घर है, जो एक बड़ी तकनीक-प्रेमी आबादी, सहायक सरकारी नीतियों और इनोवेटिव स्टार्टअप इकोसिस्टम द्वारा संचालित है।

पिछले 5 वर्षों में इस क्षेत्र में फिनटेक में तेजी से उछाल देखा गया है, जैसा कि वैश्विक औसत 64 प्रतिशत के मुकाबले 87 प्रतिशत की अडॉप्शन रेट और वैश्विक फिनटेक फंडिंग के 15 प्रतिशत हिस्से से साफ होता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने लंदन के इंडिया हाउस में ‘2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के भारत के प्रयास के लिए अवसर और चुनौतियां’ पर एक फायरसाइड चैट में भी भाग लिया।

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Created On :   9 April 2025 5:13 PM IST

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