व्यापार: मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी फिच

मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी  फिच
फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत और 2026-27 में 6.3 प्रतिशत रहने की बात कही।

नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत और 2026-27 में 6.3 प्रतिशत रहने की बात कही।

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बीच वित्त वर्ष 2024-25 और मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के जीडीपी विकास दर अनुमानों में 10-10 आधार अंकों की कटौती कर उनके क्रमशः 6.2 प्रतिशत और 6.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जारी किया है।

फिच के अनुसार, वित्त वर्ष 2026-27 के लिए वृद्धि का पूर्वानुमान 6.3 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है।

भारत के लिए संशोधित विकास पूर्वानुमान के अलावा फिच ने 2025 के लिए अपने वैश्विक विकास अनुमानों में भी 0.4 प्रतिशत की कमी की है। साथ ही, चीन और अमेरिका के लिए विकास अनुमानों में 0.5 प्रतिशत (50-50 आधार अंकों) की कटौती की गई है।

फिच ने तिमाही वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण के अपने विशेष अपडेट में कहा, "विश्वास के साथ अमेरिकी व्यापार नीति की भविष्यवाणी करना मुश्किल है। भारी नीतिगत अनिश्चितता के कारण व्यापार निवेश संभावनाओं को नुकसान हो रहा है, इक्विटी मूल्य में गिरावट घरेलू संपत्ति को कम कर रही है, और अमेरिकी निर्यातकों को प्रतिशोध का सामना करना पड़ेगा।"

साल 2025 के लिए अमेरिकी जीडीपी विकास दर 1.2 प्रतिशत पर सकारात्मक रहने की उम्मीद है।

इस बीच, फिच के अनुमानों के अनुसार, चीन की वृद्धि इस साल और अगले साल चार प्रतिशत से नीचे गिरने का अनुमान है और यूरोजोन की जीडीपी विकास दर के एक प्रतिशत से काफी नीचे रहने का अनुमान है।

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी के अनुसार, भारत के घरेलू बाजार के बड़े आकार के कारण, जो बाहरी मांग पर निर्भरता को कम करता है, देश के अमेरिकी टैरिफ वृद्धि से सुरक्षित रहने की उम्मीद है।

मॉर्गन स्टेनली की एक हालिया रिपोर्ट में भी कहा गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने की धमकी के कारण वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत "एशिया में सबसे बेहतर स्थिति वाला देश" है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत पर टैरिफ जोखिमों का सीधा असर होगा। हालांकि हमारा मानना है कि भारत इससे ज्यादा प्रभावित नहीं होगा क्योंकि इसका वस्तु व्यापार बनाम जीडीपी अनुपात क्षेत्र में सबसे कम है।"

भारतीय अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ते हुए वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी।

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Created On :   17 April 2025 5:10 PM IST

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