राजनीति: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए एनएसयूआई और एबीवीपी के पैनल तय

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए एनएसयूआई और एबीवीपी के पैनल तय
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) चुनाव, 2025 के लिए अपने-अपने आधिकारिक पैनलों की घोषणा कर दी है। मतदान 25 अप्रैल को होगा।

नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) चुनाव, 2025 के लिए अपने-अपने आधिकारिक पैनलों की घोषणा कर दी है। मतदान 25 अप्रैल को होगा।

भाजपा समर्थित एबीवीपी ने अध्यक्ष के लिए शिखा स्वराज को उम्मीदवार बनाया है। वह स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में शोधार्थी हैं। उपाध्यक्ष पद के लिए निट्टू गौतम को उम्मीदवार बनाया गया है। वह स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंसेज में शोधार्थी हैं। सचिव पद के लिए उनके उम्मीदवार कुणाल राय हैं, जो स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में शोधार्थी हैं। संयुक्त सचिव पद पर विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी वैभव मीणा हैं। वह स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एवं कल्चरल स्टडीज में शोधार्थी हैं।

एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद के लिए प्रदीप ढाका को अपना उम्मीदवार बनाया है। मोहम्मद कैफ को उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। महामंत्री पद के लिए एनएसयूआई की ओर से अरुण प्रताप मैदान में हैं, जबकि संयुक्त सचिव पद की उम्मीदवार सलोनी खंडेलवाल हैं।

कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन एनएसयूआई का कहना है कि उनका यह पैनल सामाजिक न्याय, समावेशिता और छात्र सशक्तिकरण के प्रति एनएसयूआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रदीप ढाका को उनके कार्यों के आधार पर अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया गया है। वह जेएनयू में सेंटर फॉर कंप्यूटेशनल एंड इंटीग्रेटिव साइंसेज में शोधार्थी हैं और लंबे समय से छात्र राजनीति में सक्रिय हैं। वह लगातार छात्र आंदोलनों में भाग लेते रहे हैं और विद्यार्थियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर अग्रणी भूमिका निभाई है।

एनएसयूआई ने इस चुनाव में फ्रेटरनिटी मूवमेंट के साथ प्रगतिशील गठबंधन बनाया है। इस गठबंधन के तहत मोहम्मद कैफ को उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। छात्र संगठन का कहना है कि यह गठबंधन लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष छात्र संगठनों के बीच एकता को मजबूत करता है।

अरुण प्रताप दलित छात्र नेता हैं और सेंटर फॉर हिस्टॉरिकल स्टडीज से पीएचडी कर रहे हैं। एनएसयूआई की मानें तो अरुण सामाजिक न्याय के लिए अपने सक्रिय संघर्ष और हाशिए पर मौजूद समुदायों की आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं।

एनएसयूआई के मुताबिक, संयुक्त सचिव पद की उम्मीदवार लैंगिक प्रतिनिधित्व को और मजबूत कर रही हैं। वह कैंपस में प्रगतिशील महिलाओं की आवाज हैं और समानता तथा सशक्तिकरण की सोच को आगे बढ़ाती हैं।

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Created On :   17 April 2025 8:15 PM IST

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