राजनीति: बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है कांग्रेस के सुरेश

बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है कांग्रेस  के सुरेश
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद भारत सरकार वहां की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। इस बीच कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चिंता जताई।

नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद भारत सरकार वहां की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। इस बीच कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चिंता जताई।

कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने आईएएनएस में बातचीत में कहा, “बांग्लादेश की स्थिति बहुत गंभीर है, कांग्रेस पार्टी बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा के बारे में चिंतित है और आज इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक होगी। राहुल गांधी बैठक में शामिल होंगे। हम वहां फंसे भारतीय लोगों के लिए बचाव अभियान की मांग करते हैं।”

उन्होंने बांग्लादेश के मुद्दे पर संसद में दिए विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “विदेश मंत्री जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर मंगलवार को संसद को अवगत कराया। हम भारत सरकार के फैसले के साथ खड़े हैं।”

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर मंगलवार को राज्यसभा और लोकसभा में बयान दिया था।

विदेश मंत्री जयशंकर ने 4 अगस्त के बाद की घटनाओं का ब्यौरा देते हुए राज्यसभा में कहा, "देश भर में शासन से जुड़े लोगों की संपत्तियों को आग लगा दी गई। विशेष रूप से चिंताजनक बात यह थी कि अल्पसंख्यकों, उनके व्यवसायों और मंदिरों पर भी कई स्थानों पर हमला किया गया।"

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ढाका में अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। नई दिल्ली को उम्मीद है कि मेजबान सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के अलावा बांग्लादेश में भारतीय प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करेगी।

विदेश मंत्री ने लोकसभा में कहा, “जनवरी 2024 में हुए चुनाव के बाद से, बांग्लादेश की राजनीति में भारी तनाव, गहन विभाजन और बढ़ता ध्रुवीकरण देखा गया। इस परिस्थिति ने इस वर्ष जून में शुरू हुए छात्र आंदोलन को और उग्र बना दिया। हिंसा में वृद्धि होती रही, जिसमें सार्वजनिक भवनों और अवसंरचना पर हमले की घटनाएं तथा यातायात एवं रेल अवरोध शामिल थे। यह हिंसा जुलाई माह तक जारी रही। इस अवधि के दौरान, हमने बार-बार संयम बरतने की सलाह दी और कहा कि बातचीत के जरिए स्थिति को शांत किया जाए। इसी प्रकार की बात उन विभिन्न राजनीतिक शक्तियों से की गई, जिनके साथ हम संपर्क में थे।”

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Created On :   7 Aug 2024 1:49 PM IST

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