स्वास्थ्य/चिकित्सा: डिजिटल स्क्रीन पर घंटों समय बिताने से बढ़ सकता है निकट दृष्टि दोष का जोखिम शोध
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नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। डिजिटल स्क्रीन पर घंटों समय बिताने वालों के लिए एक और चेतावनी है। एक नए अध्ययन के अनुसार, टैबलेट या स्मार्टफोन पर प्रतिदिन एक घंटा भी बिताने से मायोपिया या निकट दृष्टिदोष का खतरा काफी बढ़ सकता है।
जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, व्यवस्थित समीक्षा और डोज-रिस्पांस मेटा-विश्लेषण में, डिजिटल स्क्रीन समय में प्रतिदिन 1 घंटे की वृद्धि मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) की 21 प्रतिशत अधिक संभावना से जुड़ी थी।
डोज-रिस्पांस पैटर्न ने सिग्मोएडल शेप को प्रदर्शित किया, जिससे पता चलता है कि रोजाना 1 घंटे से कम समय तक संपर्क में रहने पर कोई खतरा नहीं है। लेकिन, 4 घंटे तक संपर्क बढ़ने पर खतरा बढ़ जाता है।"
शोधकर्ताओं ने कहा, "ये निष्कर्ष चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को मायोपिया के जोखिम के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।"
डिजिटल स्क्रीन के बढ़ते उपयोग के कारण निकट दृष्टि दोष के मामलों में वृद्धि हुई है।
टीम ने 45 जांचों से प्राप्त आंकड़ों की समीक्षा की, जिसमें बच्चों से लेकर युवा वयस्कों तक 335,000 से अधिक प्रतिभागियों में स्क्रीन समय और निकट दृष्टि दोष के बीच संबंध को देखा गया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि 1-4 घंटे तक स्क्रीन पर समय बिताने से जोखिम काफी बढ़ जाता है और फिर धीरे-धीरे बढ़ता जाता है।
हालांकि, 1 घंटे से कम समय तक संपर्क में रहने से कोई संबंध नहीं पाया गया, जो संभावित सुरक्षा सीमा का सुझाव देता है। लेखकों का कहना है कि ये निष्कर्ष "मायोपिया महामारी" से निपटने वाले चिकित्सकों को मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
हाल ही में, भारत में विशेषज्ञों ने बात की कि तकनीक और मोबाइल जैसे गैजेट्स, छात्रों, माता-पिता और शिक्षकों के लिए परीक्षा के समय बड़ी समस्या बन गए हैं। ज़्यादा देर तक स्क्रीन देखने से दिमाग की सोचने-समझने की शक्ति पर असर पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ध्यान कम हो जाता है और लंबे समय तक स्क्रीन देखते हुए अक्सर लोग बिस्तर या सोफे पर गलत तरीके से बैठे रहते हैं।
इससे विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें मोटापा, शरीर में दर्द, रीढ़ की हड्डी की समस्याएं और पीठ दर्द भी शामिल है।
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Created On :   23 Feb 2025 1:36 PM IST