राजनीति: 370 फिर से लागू करना असंभव नहीं, अगर एससी के जजों ने इसके खिलाफ फैसला सुनाया है तो इसके पक्ष में भी फैसला दे सकते हैं उमर अब्दुल्ला

370 फिर से लागू करना असंभव नहीं, अगर एससी के जजों ने इसके खिलाफ फैसला सुनाया है तो इसके पक्ष में भी फैसला दे सकते हैं  उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव की वजह से यहां का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। एक तरफ जहां भाजपा इस चुनाव में घाटी से आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद से यहां विकास के दावे के साथ चुनाव मैदान में उतरी है।

जम्मू-कश्मीर (बडगाम), 17 सितंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव की वजह से यहां का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। एक तरफ जहां भाजपा इस चुनाव में घाटी से आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद से यहां विकास के दावे के साथ चुनाव मैदान में उतरी है।

वहीं, जम्मू-कश्मीर की लोकल पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच है कि घाटी से 370 हटाकर भाजपा ने यहां के लोगों का बड़ा नुकसान किया है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस तो चुनाव पूर्व गठबंधन कर चुके हैं और एनसी की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि उनकी सरकार बनी तो घाटी में 370 की फिर से वापसी होगी।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला चुनाव प्रचार के क्रम में कई बार यह बात कह चुके हैं कि उनकी सरकार के आते ही जम्मू-कश्मीर में फिर से धारा-370 की वापसी होगी। हालांकि, देश के गृह मंत्री अमित शाह इसको लेकर बयान दे चुके हैं कि यह अब सपने जैसा है। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां धारा 370 वापस लाना चाहती हैं। लेकिन, बीजेपी के रहते हुए ऐसा कभी नहीं होगा।

इधर, बडगाम में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस बार जो कहा, वह तो अलग ही तरीका था। वह आर्टिकल-370 को लेकर यहां कहते सुने गए कि "कुछ भी असंभव नहीं है। अगर यह असंभव होता तो सुप्रीम कोर्ट तीन बार आर्टिकल-370 के पक्ष में फैसला नहीं देता। अगर आज सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने धारा-370 के खिलाफ फैसला सुनाया है तो क्या ये संभव नहीं है कि कल सात जजों की संविधान पीठ धारा-370 के पक्ष में फैसला दे देगी। इसके साथ ही एक बार फिर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू में आतंकवाद बढ़ने के लिए बीजेपी जिम्मेदार है।"

केजरीवाल के इस्तीफे के फैसले पर इस दौरान मीडिया के सामने उमर अब्दुल्ला ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो आतंकवाद को बढ़ावा मिला है, उसके बारे में वह बताएं कि वह किसकी बदौलत मिला है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की सरकार को यहां से बाहर गए तो 10 साल हो गए। घाटी में 6 साल से किसी सियासी पार्टी की सरकार भी नहीं है। अगर इसके बाद भी आज जम्मू में दोबारा आतंकी हमले हो रहे हैं तो ये किसकी बदौलत है। आज अगर जम्मू में आतंकवाद फैल रहा है तो इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा के साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला कहने लगे कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद अपने कामकाज के पहले क्रम में, इस क्षेत्र से राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा छीनने के केंद्र के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

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Created On :   17 Sept 2024 3:12 PM IST

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