अंतरराष्ट्रीय: असद के सत्ता से हटने के बाद 2,70,000 सीरियाई शरणार्थी लौटे स्वदेश

असद के सत्ता से हटने के बाद 2,70,000 सीरियाई शरणार्थी लौटे स्वदेश
दिसंबर 2024 में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद से अब तक 2,70,000 से अधिक सीरियाई शरणार्थी अपने देश लौट चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचआरसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी भी लाखों सीरियाई विदेश में हैं, लेकिन आने वाले महीनों में और अधिक लोगों के लौटने की उम्मीद है।

दमिश्क, 12 फरवरी (आईएएनएस)। दिसंबर 2024 में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद से अब तक 2,70,000 से अधिक सीरियाई शरणार्थी अपने देश लौट चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचआरसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी भी लाखों सीरियाई विदेश में हैं, लेकिन आने वाले महीनों में और अधिक लोगों के लौटने की उम्मीद है।

सीरिया में यूएनएचआरसी मिशन के उप प्रतिनिधि असीर मदाईन ने कहा कि 8 दिसंबर को जब असद सरकार पतन हुआ, तब से शरणार्थियों की वापसी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यदि सीरिया में बुनियादी सेवाओं में सुधार होता है, तो यह संख्या और बढ़ सकती है।

यूएनएचआरसी के एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, विदेशों में रह रहे 27 प्रतिशत सीरियाई शरणार्थियों ने अगले साल के भीतर अपने देश लौटने की इच्छा जताई है। पिछले साल यह संख्या केवल 1 प्रतिशत थी, जिससे साफ होता है कि अब अधिक लोग अपने घर वापस आने के लिए तैयार हैं।

मदाईन ने कहा कि यह बदलाव सीरियाई नागरिकों के आत्मविश्वास में वृद्धि को दर्शाता है।

हालांकि, लौटने वाले शरणार्थियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्याओं में रहने के लिए घरों की कमी, बुनियादी सुविधाओं की अनुपलब्धता और रोजगार के सीमित अवसर शामिल हैं। कई लोगों के पास वापस लौटने पर सिर छिपाने के लिए कोई जगह नहीं है, और उन्हें अस्थायी शिविरों में रहना पड़ रहा है।

इसके अलावा, मानवीय संगठनों के लिए इन शरणार्थियों की जरुरतों को पूरा करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में कठिनाई हो रही है।

मदाईन ने कहा कि यह जरूरी है कि लौटने वाले शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन जीने की स्थितियां दी जाएं।

सीरियाई शरणार्थियों के पड़ोसी देशों में स्थित शिविरों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मदाईन ने कहा कि इन शिविरों को तभी बंद किया जाएगा जब सीरिया में स्थायी रूप से स्थिति में सुधार होगा। फिलहाल किसी भी पड़ोसी देश ने शरणार्थियों को जबरन वापस भेजने की योजना नहीं बनाई है, बल्कि वे चाहते हैं कि यह प्रक्रिया धीरे-धीरे और सुरक्षित रूप से हो।

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, सीरिया में एक दशक से अधिक समय तक चले युद्ध के कारण 13 मिलियन से अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं। यूएनएचआरसी अधिकारियों का मानना है कि सुरक्षित और स्थायी वापसी के लिए बुनियादी ढांचे, आर्थिक सुधार और कानूनी सुरक्षा में दीर्घकालिक निवेश की आवश्यकता होगी।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   12 Feb 2025 4:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story