राष्ट्रीय: महाकुंभ के भव्य आयोजन पर दुनिया हैरान, 27 फरवरी को करूंगा स्नान अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को अहमदाबाद में हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान द्वारा आयोजित मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि वो 27 जनवरी को पवित्र गंगा में डुबकी लगाने प्रयागराज जाएंगे।

अहमदाबाद, 23 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को अहमदाबाद में हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान द्वारा आयोजित मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि वो 27 जनवरी को पवित्र गंगा में डुबकी लगाने प्रयागराज जाएंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि आज हिंदू आध्यात्मिक सेवा मेले का उद्घाटन हुआ है। वहीं प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ लगा है। दुनिया इस पर हैरान है। अनेक देशों के लोगों ने मुझसे कहा कि हमें आमंत्रण पत्र चाहिए। मैंने उन्हें समझाया कि कुंभ एक मेला है, जिसमें किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है। वे हैरान हैं कि 40 करोड़ लोग बिना निमंत्रण के एक जगह आते हैं। वे मुझसे पूछते हैं कि इसे कौन प्रबंधित करता है। मैंने उनसे कहा कि सरकार द्वारा किया गया प्रबंधन राम सेतु बनाने में गिलहरी के योगदान जितना महत्वपूर्ण है।

मुगल और कांग्रेस के राज के दौर में भी महाकुंभ का आयोजन होता था और आज भी महाकुंभ का आयोजन बेहद सुंदर तरीके से हुआ है। गुजरात की जनता से अपील है कि वे इस पुण्य का भागी बनें। हर किसी को मौका नहीं मिलता। इस बार महाकुंभ 144 साल में लगा है, वहां हर किसी को जाना चाहिए। मैं अपने जीवन में 9 कुंभ में जा चुका हूं। अर्धकुंभ देखे हैं लेकिन महाकुंभ में 27 जनवरी को जाने वाला हूं।

उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बीते दस सालों में हमारी सरकार ने तमाम बड़े काम किए हैं। पहले हिंदू बोलना मुश्किल था लेकिन आज हर कोई गर्व से बोलता है। 550 साल से रामलला टेंट से बाहर आए और अयोध्या में उनका भव्य मंदिर बना। धारा 370 को समाप्त करने का काम हमारी सरकार ने किया है। सात दशक तक जो काम नहीं हो पाए, आज हमारी सरकार प्राथमिकता के आधार पर उन कामों को पूरा कर रही है। भारत के धर्म स्थलों और भारत की दैवीय मूर्तियां जो चोरी हुई थीं, केंद्र सरकार ने उन्हें दुनियाभर से वापस लाने का काम किया।

अमित शाह ने कहा कि इस मेले में अहिल्याबाई होलकर का स्टॉल लगा है, वे अपने जमाने में चमकते सितारे की तरह थीं। सोमनाथ मंदिर हो या काशी विश्वनाथ मंदिर, अनेक धार्मिक स्थानों पर धर्म की रक्षा का काम उन्होंने किया। उन्हें यहां स्थान मिला है, इससे गुजरात के युवाओं को उनके जीवन के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।

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Created On :   23 Jan 2025 2:16 PM IST

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