राजनीति: मुंबई नाव हादसा आधे घंटे में 25-30 लोगों को बचाया, जान बचाने वाले आरिफ बामने ने बताया अपना अनुभव

मुंबई नाव हादसा  आधे घंटे में 25-30 लोगों को बचाया, जान बचाने वाले आरिफ बामने ने बताया अपना अनुभव
हाल ही में मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के तट पर एक दर्दनाक नाव दुर्घटना में 15 लोगों की जान चली गई, जबकि करीब 100 लोगों को समय रहते बचा लिया गया। यह हादसा और भी बड़ा रूप ले सकता था अगर मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमपीटी) के ड्राइवर आरिफ बामने और उनकी टीम समय पर मदद के लिए नहीं पहुंची होती। आरिफ और उनकी टीम ने अपनी जान की परवाह किए बिना डूबते हुए 25-30 लोगों की जान बचाई।

मुंबई, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। हाल ही में मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के तट पर एक दर्दनाक नाव दुर्घटना में 15 लोगों की जान चली गई, जबकि करीब 100 लोगों को समय रहते बचा लिया गया। यह हादसा और भी बड़ा रूप ले सकता था अगर मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमपीटी) के ड्राइवर आरिफ बामने और उनकी टीम समय पर मदद के लिए नहीं पहुंची होती। आरिफ और उनकी टीम ने अपनी जान की परवाह किए बिना डूबते हुए 25-30 लोगों की जान बचाई।

आरिफ बामने मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमपीटी) में कार्यरत हैं और वह पूर्वा नाम की बोट चलाते हैं। हादसे वाले दिन उन्हें जैसे ही जानकारी मिली कि गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा की ओर जाने वाली पैसेंजर बोट नीलकमल हादसे का शिकार हो गई है, वह तुरंत अपनी टीम के साथ मदद के लिए रवाना हो गए। इस टीम में किफायत मुल्ला (फर्स्ट क्लास इंजन ड्राइवर), नंदन जाना (सीमेन) और तपस कर (सीमेन) शामिल थे।

आरिफ बामने ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि हम अपने नियमित काम में थे, जब हमें यह जानकारी मिली कि एक नाव डूब रही है। हमें तुरंत उस जगह पर पहुंचने के लिए कहा गया। हम अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और बिना किसी डर के आधे घंटे के भीतर करीब 25-30 लोगों को बचाया। इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं शामिल थीं।

जब आरिफ और उनकी टीम घटनास्थल पर पहुंची, तब तक कोस्ट गार्ड और नेवी की ओर से कोई मदद नहीं पहुंची थी। बोट में सवार लोगों में से कई डूब रहे थे और सहायता के लिए चीख रहे थे। इस कठिन परिस्थिति में आरिफ और उनकी टीम ने बहादुरी से काम लिया और बचे हुए लोगों को सुरक्षित किया।

आरिफ बामने ने यह भी बताया कि उन्होंने जिन लोगों की जान बचाई, उनमें एक तीन साल की बच्ची भी शामिल थी। जब बच्ची को पानी से बाहर निकाला गया, तो वह सांस नहीं ले रही थी। आरिफ ने तुरंत उस बच्ची को सीपीआर दिया और कुछ ही देर में बच्ची ने सांस लेना शुरू कर दिया। हादसे वाले दिन को याद करते हुए आरिफ ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में इतनी बड़ी बोट दुर्घटना कभी नहीं देखी थी। चारों तरफ लोग डूब रहे थे, चीख-पुकार मच रही थी और जो लोग बच गए थे, वह अपने अपनों की तलाश कर रहे थे। मैं भगवान से दुआ करता हूं कि मुझे ऐसा दिन फिर कभी न देखना पड़े।

कांग्रेस विधायक भाई जगताप ने सदन में आरिफ बामने की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार को उन्हें उचित सम्मान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरिफ बामने और उनकी टीम ने असाधारण साहस दिखाया है और उनका योगदान पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है। उन्हें उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।

बता दें कि जब गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा आइलैंड जा रही नीलकमल नामक पैसेंजर बोट की टक्कर एक नौसेना की स्पीड बोट से हो गई थी, जिसके बाद यह हादसा हुआ। यह घटना दोपहर 3 से 4 बजे के बीच की है, जब नौसेना की बोट में इंजन टेस्टिंग का काम चल रहा था। अचानक बोट में खराबी आई और वह नीलकमल से टकरा गई। नीलकमल बोट में 100 से ज्यादा लोग सवार थे, जो गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा आइलैंड तक यात्रा कर रहे थे।

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Created On :   23 Dec 2024 3:39 PM IST

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