अपराध: इंसाफ के लिए 21 साल तक भटकती रही मां, दोषियों को अब मिली सजा

इंसाफ के लिए 21 साल तक भटकती रही मां, दोषियों को अब मिली सजा
कानपुर देहात से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक बूढ़ी मां को 21 साल बाद न्याय मिला। कानपुर देहात जिला न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। युवक के अपहरण के मामले में सपा नेता सुरेश यादव और सीमा यादव को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है। दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

कानपुर, 6 अगस्त (आईएएनएस)। कानपुर देहात से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक बूढ़ी मां को 21 साल बाद न्याय मिला। कानपुर देहात जिला न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। युवक के अपहरण के मामले में सपा नेता सुरेश यादव और सीमा यादव को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है। दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

बता दें कि मामला कानपुर देहात के अकबरपुर थाना क्षेत्र के माती किशनपुर गांव का है। 2 सितंबर 2018 को डेरापुर थाने में सीमा यादव और सुरेश यादव के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। पीड़िता सूरजदेई ने बताया कि उसका बेटा मनोज यादव डेरापुर क्षेत्र के बिहार घाट स्थित फौजी ढाबा पर काम करता था। 2003 में बेटे मनोज ने कानपुर की सीमा यादव से ढाबे के पास ही एक मंदिर में शादी कर ली, जिसके बाद सीमा और मनोज ढाबे के पिछले हिस्से में बने एक कमरे में रहने लगे। बाद में मनोज ने सीमा से कोर्ट मैरिज भी कर ली।

उन्होंने आगे बताया कि इसी बीच सीमा यादव के ढाबे के मालिक सपा नेता सुरेश यादव से संबंध हो गए। इसके बाद दिसंबर 2003 में मनोज अचानक लापता हो गया। सुरेश यादव और सीमा ने मिलकर मनोज का अपहरण कर हत्या कर दी और शव को ढाबे के पास बहने वाली सेंगुर नदी में फेंक दिया।

बता दें कि मनोज की गुमशुदगी के मामले में केस दर्ज कराने में 15 साल लग गए। 2003 में हुई घटना के बाद वह इधर-उधर भागती रही लेकिन केस दर्ज नहीं हो सका। 2017 में सूरजदेई अपने बेटे के लिए न्याय के लिए डीजीपी कार्यालय पहुंची। इसके बाद एडीजी कानपुर जोन के निर्देश पर 2 सितंबर 2018 को केस दर्ज हुआ। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रभावी पैरवी के आधार पर कोर्ट में दोष सिद्ध करने में सफलता मिली।

मामले में सुनवाई के बाद एडीजे-5 कोर्ट ने शनिवार को आरोपी गैंगस्टर सुरेश यादव और उसकी पत्नी सीमा यादव को दोषी करार दिया। कोर्ट ने मामले में सजा पर सुनवाई के लिए आज यानी 6 अगस्त की तारीख तय की थी और फैसला इस प्रकार आया है। बुजुर्ग पीड़िता को न्याय मिलने में 21 साल लग गए।

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Created On :   6 Aug 2024 12:42 PM GMT

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