आईटीबीपी ने सर्वश्रेष्ठ के-9 सेवा के कुत्ते, घोड़े को दिये मेडल

ITBP awarded medals to the best K-9 service dog, horse
आईटीबीपी ने सर्वश्रेष्ठ के-9 सेवा के कुत्ते, घोड़े को दिये मेडल
सम्मान आईटीबीपी ने सर्वश्रेष्ठ के-9 सेवा के कुत्ते, घोड़े को दिये मेडल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने शुक्रवार को अपनी के-9 सेवा के सर्वश्रेष्ठ कुत्ते और जवानों के साथ परिचालन ड्यूटी पर तैनात रहने के दौरान सराहनीय सेवा के लिए घोड़े को सम्मानित किया है। ग्रेटर नोएडा में 39वीं बटालियन आईटीबीपी में आयोजित वार्षिक डीजी की परेड में आईटीबीपी के महानिदेशक संजय अरोड़ा ने आईटीबीपी सेवा के-9 स्नोई, मालिंस नस्ल के कुत्ते और घोड़े चैंपियन को विशेष पदक दिए।

स्नोई - एक 8 वर्षीय के-9, को सितंबर में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 40 वीं बटालियन आईटीबीपी के सैनिकों के साथ बकरकट्टा में एक आईईडी सहित विभिन्न विस्फोटकों का पता लगाने के लिए विशेष के- 9 पदक से सम्मानित किया गया।

राजसी चैंपियन, उम्र 11 वर्ष, राष्ट्रीय घुड़सवारी चैंपियनशिप के दौरान अपने शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया और ठंडी और ऊंचाई वाले सीमा क्षेत्रों में कर्तव्यों में लगे सभी वफादार टट्टू और खच्चरों के प्रतिनिधि के रूप में फोर्स माउंटेड परेड का नेतृत्व किया था।आईटीबीपी ने 2016 से अपने सर्वश्रेष्ठ कुत्ते और सर्वश्रेष्ठ घोड़े के पदक प्रदान करना शुरू किया था।

हिमालयी सीमा सुरक्षा बल सीमा पर गश्त के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों के लिए कुत्तों का उपयोग करता है। मनुष्यों पर नजर रखने के अलावा, इन कुत्तों को कमरों और वाहनों में घुसने और घुसपैठियों और सशस्त्र व्यक्तियों को बेअसर करने और नियंत्रित करने, विस्फोटकों और नशीले पदार्थों का पता लगाने और खोज और बचाव कार्यों में सहायता करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है।

बल के अधिकारियों ने कहा कि ये कुत्ते हिमस्खलन से बचाव में बहुत मददगार हैं। एक अधिकारी ने कहा कि आईटीबीपी सक्रिय सेवा से सेवानिवृत्त होने या ड्यूटी के दौरान घायल होने के बाद, के9 के दिग्गजों के लिए एक सेवानिवृत्ति घर बनाने की भी योजना बना रहा है, जहां उनकी बाकी जीवन की देखभाल की जा सकती है।

के-9 कुत्तों के लिए सेवानिवृत्ति गृह की प्रक्रिया चल रही है और इसके जल्द ही भानु में आईटीबीपी के राष्ट्रीय कुत्ता प्रशिक्षण केंद्र में आने की उम्मीद है। के-9 कुत्ते बल का अभिन्न अंग हैं और उनकी अच्छी तरह से देखभाल की जाती है। इस साल अगस्त में जब अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास में तैनात आईटीबीपी के जवान तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत लौटे, तो उनके सभी के- 9 कुत्तों को भी उनके आकाओं के साथ निकाल लिया गया था।

आईएएनएस

Created On :   23 Oct 2021 1:00 AM IST

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