अगर मुझे नौकरी चाहिए होती तो जेटली वहां नहीं होते : यशवंत सिन्हा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता यशवंत सिन्हा ने डगमगाती हुई अर्थव्यस्था को लेकर पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जटेली के ऊपर जमकर टिप्पणी की है। जिसके बाद जेटली ने पलटवार करते हुए कहा है कि "सिन्हा 80 साल की उम्र में नौकरी चाहते हैं तभी वो यह सब कर रहे हैं, लगता है वह वित्त मंत्री के रूप में अपने रिकॉर्ड को भूल गए हैं।" दरअसल एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान जेटली ने कहा कि सिन्हा नीतियों पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, बल्कि व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं। साथ जेटली ने सिन्हा पर आरोप लगाया कि सिन्हा वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम के पीछे-पीछे चल रहे हैं। वह भूल चुके हैं कि कैसे कभी दोनों एक दूसरे के खिलाफ कड़वे शब्दों का इस्तेमाल करते थे।
Addressing at the release of book India@70 Modi@3.5, New Delhi, Sept 28, 2017 pic.twitter.com/qF7WIGatNJ
— Arun Jaitley (@arunjaitley) September 28, 2017
हालांकि जेटली ने सीधे-सीधे सिन्हा का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि उनके पास पूर्व वित्त मंत्री होने का सौभाग्य नहीं है, न ही उनके पास ऐसा पूर्व वित्त मंत्री होने का सौभाग्य है जो आज स्तंभकार बन चुका है। इसमें जेटली ने पहला इशारा सिन्हा और दूसरा चिदंबरम की तरफ किया। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री होने पर मैं आसानी से यूपीए-2 में नीतिगत शिथिलता को भूल जाता। मैं आसानी से 1998 से 2002 के एनपीए को भूल जाता। मैं आसानी से 1991 में बचे चार अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को भूल जाता जब कर्ज चुकाने के लिए अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था (उस समय सिन्हा वित्त मंत्री थे)।
अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि एक दौर था, जब यशवंत सिन्हा के वो सबसे बड़े आलोचक हुआ करते थे। बता दें कि सिन्हा और चिदबंरम ने एक ही सुर में अर्थव्यवस्था में गिरावट के लिए अरुण जेटली पर निशाना साधा है। सिन्हा की ओर से एक अखबार में लेख लिखकर सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाने पर जेटली ने तंज कसते हुए कहा, "अभी मेरी ऐसी स्थिति नहीं है कि मैं पूर्व वित्त मंत्री की हैसियत में लेख लिखूं, स्तंभकार बन जाऊं।"
यशवंत ने फिर किया वार
वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से 80 साल की उम्र में नौकरी मांगने के तंज पर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने करारा जवाब देते हुए कहा है कि यदि मैं नौकरी मांगता तो आज अरुण जेटली वित्त मंत्री नहीं होते। देश की अर्थव्यस्था में कोई भी गिरावट अगर आती है तो उसके लिए वित्त मंत्री को ही दोष दिया जाएगा।
जेटली पर पलटवार करते हुए सिन्हा ने कहा, "सरकार देश की स्थिति को समझने में पूरी तरह असफल रही है। चिंता बस ये है कि सरकार समस्या को समझने की बजाय खुद की तारीफ करने और अपनी ही पीठ थपथपाने में जुटी है।" साथ ही सिन्हा ने खुद के मुकाबले अपने बेटे जयंत सिन्हा को बयानबाजी के लिए उतारने पर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बाप के सामने बेटे को उतारना सही नहीं है।
"बेटे का करियर खराब होता है तो हो जाए"
सिन्हा ने आगे कहा, कि "मैंने किसी पर व्यक्तिगत हमला नहीं किया था। जो सही है वो ही कहा। यदि अर्थव्यवस्था से जुड़ी कोई बात होगी तो उसके लिए वित्त मंत्र ही जिम्मेदार होंगे। इसके लिए गृह मंत्री को दोष नहीं दिया जाएगा। मेरे बेटे जयंत सिन्हा को मेरे ही खिलाफ उतारकर सरकार मुद्दे से ध्यान हटाने का प्रयास कर रही है। मैं भी निजी हमले कर सकता हूं, लेकिन उनके जाल में फसूंगा नहीं। यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि राष्ट्रहित से बड़ा कोई हित नहीं। अगर मेरे सवालों से बेटे का करियर खराब होता हो तो हो जाए।"
जयंत सिन्हा ने किया सरकार का बचाव
आपको बता दें कि उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने गुरुवार को अग्रेंजी अखबार में लेख लिखकर कहा था, "भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियों को लेकर हाल ही में कई लेख लिखे गए हैं। दुर्भाग्य से ये लेख कुछ निश्चित तथ्यों के आधार पर ही निष्कर्ष निकालते हैं और सरकार की ओर से लागू किए गए मूलभूत सुधारों की उपेक्षा की गई है। ये बदलाव मामूली नहीं हैं। इनके जरिए सरकार "न्यू इंडिया" के सपने को साकार करते हुए एक अरब से अधिक की आबादी वाले देश में अच्छी नौकरियां मुहैया कराने की तैयारी में है।"
Created On :   29 Sept 2017 9:10 AM IST