पहली बार कोई महिला एडवोकेट सीधे बनेंगी सुप्रीम कोर्ट में जज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कॉलेजियम ने सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा के नाम की सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए सिफारिश की है। इसके साथ ही इंदु मल्होत्रा पहली महिला होंगी, जो सीधे ही सुप्रीम कोर्ट की जज बनेंगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा और 4 सीनियर जजों के कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश की है। इंदु मल्होत्रा के साथ-साथ कॉलेजियम ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की भी सिफारिश की है। बता दें कि इन सभी नामों को मंजूरी के लिए अभी केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही इनकी नियुक्ति होगी।
SC की 7वीं महिला जज होंगी इंदु
सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज होंगी, जो सीधे ही अपॉइंट की जा रही हैं। इंदु मल्होत्रा कभी भी हाईकोर्ट की जज नहीं रही हैं। आजादी बार वो सुप्रीम कोर्ट की 7वीं महिला जज बनेंगी। इंदु मल्होत्रा को 2007 में सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया गया था और वो वकील से सीधे जज बनने वाली पहली महिला होंगी। बता दें कि अभी जस्टिस आर. भानुमति सुप्रीम कोर्ट में इकलौती महिला जज हैं।
दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट में 2 महिला जज एक साथ
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति जज हैं और अगर इंदु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी मिल जाती है तो वो सुप्रीम कोर्ट की जज बन जाएंगी। ये दूसरी बार होगा जब 2 महिलाएं एक साथ जज रहेंगी। इससे पहले 2011 से 2011 के बीच जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई एक साथ जज रह चुकी हैं।
केएम जोसेफ के नाम की भी सिफारिश
सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा के अलावा सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए केएम जोसेफ के नाम की सिफारिश भी की गई है। केएम जोसेफ अभी उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। केएम जोसेफ 2004 में केरल हाईकोर्ट के जज बने थे और बाद में उनका ट्रांसफर उत्तराखंड हाईकोर्ट में कर दिया गया था। 2014 में केएम जोसेफ उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज बनाए गए थे। इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के लिए एडिशनल जज शेओ कुमार सिंह के नाम की सिफारिश भी की गई है।
अब तक 6 महिला जज रह चुकी हैं SC में
1. सुप्रीम कोर्ट का गठन 1950 में किया गया था और उसके बाद जस्टिस फातिमा बीवी 1989 में पहली महिला जज बनीं। फातिमा बीवी केरल हाईकोर्ट से रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं थीं और 1992 में उन्हें तमिलनाडु का गवर्नर बनाया गया था।
2. जस्टिस सुजाता वी. मनोहर सुप्रीम कोर्ट की दूसरी महिला जज बनीं। वो नवंबर 1994 से अप्रैल 1999 तक जज के पद पर बनीं रहीं। जस्टिस सुजाता केरल हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस भी रह चुकीं थीं।
3. सुप्रीम कोर्ट में तीसरी महिला जज के रूप में जस्टिस रूमा पाल की नियुक्ती की गई। वो जनवरी 2000 से जून 2006 तक सुप्रीम कोर्ट में जज रहीं।
4. जस्टिस रूमा पाल के बाद जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा 2010-2014 के बीच सुप्रीम कोर्ट में जज रहीं। सुप्रीम कोर्ट की जज से पहले वो झारखंड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस थीं।
5. इसके बाद जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई सुप्रीम कोर्ट की 5वीं महिला जज बनीं। उनका कार्यकाल सितंबर 2011 से लेकर अक्टूबर 2014 तक रहा।
6. सुप्रीम कोर्ट की आखिरी महिला जज जस्टिस आर. भानुमति हैं। उन्हें 2014 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था और वो जुलाई 2020 में रिटायर होंगी।
कैसे होती है जजों की नियुक्ति?
सुप्रीम कोर्ट के जज और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नामों की सिफारिश कॉलेजियम करता है। इस कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के ही 4 सीनियर जज रहते हैं। कॉलेजियम एक्सपीरियंस और सीनियॉरिटी के आधार पर ही जजों के नाम तय करता है और इन नामों को मंजूरी के लिए कानून मंत्रालय के पास भेजा जाता है। फिलहाल, कॉलेजियम में सीजेआई दीपक मिश्रा के साथ-साथ जस्टिस जे चेलमेश्र्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हैं। बता दें कि कॉलेजियम के पास ये राइट रहता है कि वो सीनियर एडवोकेट को सीधे जज भी बना सकता है।
Created On :   12 Jan 2018 8:20 AM IST