शिया वक़्फ़ बोर्ड चेयरमैन ने लिखा PM मोदी को पत्र, कहा "मदरसों से पैदा हुए आतंकवादी"
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने मदरसों को बंद किए जाने की पैरवी की है। वसीम रिजवी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि वक्त आ गया है कि मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ा जाए। उन्होंने इस पत्र में लिखा कि कुछ संगठन और कट्टरपंथी मुस्लिम बच्चों को सिर्फ मदरसे की शिक्षा देकर उन्हें सामान्य शिक्षा की मुख्यधारा से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। मदरसों में बच्चे जैसी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उस शिक्षा का स्तर बिल्कुल निचला है।
यूनिफॉर्म एजुकेशन सिस्टम की वकालत
वसीम रिजवी ने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे सर्व समाज से दूर होकर कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहे हैं। इसलिए मदरसों को खत्म करने की जरूरत है और उसकी जगह सामान्य शिक्षा नीति बनाई जाए। उन्होंने पत्र लिखकर सवाल भी उठाया कि कितने मदरसों ने डॉक्टर, इंजिनियर और आईएएस अफसर पैदा किए हैं? लेकिन कुछ मदरसों ने आतंकी जरूर पैदा किए हैं। वसीम ने कहा है कि सच तो यह है कि मदरसों में शिक्षित युवा रोजगार के मोर्चे पर अनुत्पादक होते हैं। उनकी डिग्रियां सभी जगह मान्य नहीं होती और खासकर निजी क्षेत्र में जो रोजगार है, वहां मदरसा शिक्षा की कोई भूमिका नहीं होती। ऐसे में पूरा समुदाय समाज के लिए हानिकारक हो जाता है। बोर्ड ने अपनी इस रिपोर्ट में यूनिफॉर्म एजुकेशन सिस्टम की वकालत की है। इसके साथ ही सभी मदरसे को सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम से जोड़ने की मांग की है।
आतंकी संगठन कर रहे मदरसों को फंडिंग
जानकारी के अनुसार, वसीम रिजवी ने इस पत्र में 27 बिंदु दिए हैं। सीम रिज़वी ने कहा है कि मदरसों को भी सीबीएसई और आईसीएसई की मान्यता मिलनी चाहिए। उनके अनुसार आतंकवादी संगठन मदरसों को संचालित किए जाने के लिए फंडिंग करते हैं। वसीम रिजवी ने पत्र में लिखा है कि ज्यादातर मदरसे जकात के पैसे से चल रहे हैं जो भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों से आ रहे हैं। मुस्लिम इलाकों में ज्यादातर मदरसे सऊदी अरब के भेजे धन से चल रहे हैं। इसकी जांच की जानी चाहिए।
वसीम रिजवी ने यह भी लिखा कि वर्तमान रिपोर्ट की जांच में महिलाओं का जेहादी और आतंकी गतिविधियों में शामिल होना भी पाया गया। यह सुरक्षा एजेंसियों की परेशानी और बढ़ाती है। शिमुली और लालगोला मुर्शिदाबाद में महिलाओं को बम बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही दूसरे आतंकी गतिविधियों जैसे गोला-बारूद एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। वहीं पीएम को भेजे गए इस पत्र को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने रिजवी को सबसे बड़ा अवसरवादी करार दिया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने जताई आपत्ति
ओवैसी ने रिजवी को जोकर तक बता दिया। ओवैसी ने कहा, "रिजवी ने अपनी आत्मा आरएसएस को बेच दी है। मैं रिजवी को चुनौती देता हूं कि वह एक भी ऐसा मदरसा बता दें, जहां इस तरह (जैसा रिजवी ने पत्र में जिक्र किया है) की पढ़ाई हो रही है। यदि उनके पास सबूत है तो उन्हें गृहमंत्री को इसे सौंपना चाहिए।" इससे पहले उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा था कि मदरसों में एनसीईआरटी किताबों से पढ़ाई होगी। आधुनिक विषयों के साथ स्कूलों के संग बराबरी कर पाएंगे, हालिया स्तर पर गणित और साइंस अनिवार्य होगी।
उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने किया समर्थन
शर्मा ने कहा कि मदरसा स्कूलों में गणित तथा विज्ञान की पढ़ाई को अनिवार्य किए जाने की तैयारी की जा रही है। सरकार से हरी झंडी मिलते ही मदरसा बोर्ड एनसीईआरटी की किताबें शामिल करेगा। बता दें कि सरकार ने मदरसों में पाठ्यक्रम को सुधारने के लिए एक 40 सदस्यीय समिति बनाई थी। समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी, रिपोर्ट के अनुसार, सरकार पढ़ाई के स्तर को सुधारने के स्कूलों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान अनिवार्य कर सकती है।
Created On :   9 Jan 2018 5:16 PM IST