बजट 2018 : राष्ट्रपति-राज्यपाल की सैलरी बढ़ी, आम आदमी को कोई राहत नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आम बजट पेश कर दिया है। ये बजट मोदी सरकार का आखिरी फुल बजट था और साथ ही जीएसटी लागू होने के बाद पहला बजट। इस बजट में सरकार इंफ्रास्ट्रचक्चर के साथ-साथ किसानों और युवाओं का तो ध्यान रखा, लेकिन आम आदमी को कोई राहत नहीं दी। इस बजट में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल की सैलरी तो बढ़ा दी गई, लेकिन इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसके साथ ही कस्टम ड्यूटी भी बढ़ा दी गई है, जिससे मोबाइल और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स महंगे हो जाएंगे।
अरुण जेटली की बजट स्पीच की बड़ी बातें :
- हम एक ऐसी लीडरशिप देंगे, जो तमाम तकलीफों को दूर करेगी। हम गरीबी को दूर करेंगे और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाएंगे, जिससे मजबूत भारत का गठन होगा।
- जब हमारी सरकार आई तो बहुत सारी चीजें टूटी-फूटी हुई थी। हमने काफी चीजों को सुधारा है, जिससे भारत दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्था के तौर पर खड़ा हुआ।
- भारत ने 7.5 फीसदी की ग्रोथ रेट हासिल की है और जल्द ही हम 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। दूसरी तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी थी, जिससे पता चलता है कि हमारी अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई है।
- हमारी सरकार ने किसानों, महिलाओं और युवाओं और स्ट्रक्चरल सुधार के लिए कई कार्यक्रम हाथ में लिए हैं।
- हमारा बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। हमने आर्थिक सुधारों के लिए ईमानदारी से काम किया है।
- 2022 तक हमारी सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य है और यही कारण है कि आज देश की कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है।
- मुझे ये बताते हुए ये खुशी हो रही है कि सरकार ने रबी और खरीफ की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना ज्यादा देने का फैसला लिया है।
बजट में किसको क्या मिला?
ग्रामीण और किसानों के लिए क्या?
- 2022 तक ग्रामीण हाट कृषि बाजार के रुप में विकसित होंगे।
- नया ग्रामीण बाजार ई-नैम बनाने का एलान, जो 2000 करोड़ की लागत से बनेगा।
- ऑपरेशन फ्लड की तर्ज पर ऑपरेशन ग्रीन की स्थापना की जाएगी और इसके लिए 500 करोड़ रुपए का प्रस्ताव।
- किसानों को कर्ज के लिए 11 लाख करोड़ रुपए।
- 1 लाख ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड फाइबर के तहत जोड़ दिया गया है।
- 5 करोड़ ग्रामीणों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा।
- गांव के लोगों को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा।
गरीबों के लिए क्या?
- गरीब महिलाओं को धुंएं से मुक्ति मिले, इसके लिए उज्जवला योजना की शुरुआत की।
- अब सरकार उज्जवला योजनाओं के तहत 8 करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन देगी।
- गरीब को स्वच्छ भारत मिशन से लाभ पहुंचा है और इसके तहत अब 6 करोड़ से ज्यादा शौचालय का निर्माण कर चुकी है।
- अगले वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य।
- 4 करोड़ गरीब घरों को बिजली कनेक्शन।
- 2022 तक हर गरीब के पास अपना घर हो, इसके लिए पीएम आवास योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2017-18 में 51 लाख घर बने और 2018-19 में 51 लाख नए घर बनाए जाएंगे।
- 51 लाख ग्रामीण मकान बनाए जाएंगे और 1.88 करोड़ शौचालयों का निर्माण होगा।
शिक्षा के लिए क्या?
- स्वास्थ्य और शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा पर भी हमारा जोर।
- हम बच्चों को स्कूल ले जाने में कामयाब हुए है, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता अभी भी कमजोर, जो चिंता का विषय है।
- शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण को बढ़ावा।
- प्री नर्सरी से 12वीं तक एक ही शिक्षा नीति होगी।
- आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों को उन्हीं के परिवेश में शिक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं।
- आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य स्कूल का गठन किया जाएगा।
- वडोदरा में अलग से रेलवे विश्वविद्यालय का गठन होगा।
स्वास्थ्य के लिए क्या?
- आयुष्मान भारत योजना लाई जाएगी।
- 1200 करोड़ रुपए हेल्थ डेवलेपमेंट सेक्टर के लिए रखे जाएंगे।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में गरीब परिवारों को शामिल किया गया है।
- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की शुरुआत की जा रही है, जो 10 करोड़ गरीब परिवारों को जोड़ेगी।
- 5 लाख रुपए हर परिवार, हर साल दिए जाएंगे।
- 50 करोड़ लोगों को हेल्थ बीमा की सुविधा मिलेगी।
- इन दोनों योजनाओं से रोजगार भी बढ़ेगा।
- 600 करोड़ रुपए टीबी मरीजों के लिए।
- 24 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे।
- टीबी मरीज को हर महीने 500 रुपए की मदद।
- 13 करोड़ 25 लाख लोग पीएम बीमा योजना से जुड़े।
रोजगार के लिए क्या?
- मुद्रा योजना के तहत 10.38 करोड़ रुपए का लोन दिया गया।
- मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ का फंड।
- भारत सरकार रोजगार सृजन के ज्यादा मौके पैदा करे। इसके लिए स्टार्टअप योजना की शुरुआत की गई थी।
- छोटे उद्योंगों के लिए 3794 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- इस साल 70 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।
- नए कर्मचारियों के EPF में सरकार 12 % का योगदान देगी।
- युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।
रेलवे के लिए क्या?
- रेलवे के लिए 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- पटरी और गेज बदलने पर खर्च होंगे पैसे।
- 36 हजार किमी ट्रैक को इस साल बदला जाएगा।
- माल छुलाई के लिए 12 वैगन बनाएंगे।
- सुरक्षा वॉर्निंग सिस्टम पर जोर रहेगा।
- स्टेशनों पर एस्केलेटर, वाईफाई और सीसीटीवी लगेंगे।
- 600 स्टेशनों को आधुनिक बनाया जाएगा।
- मुंबई में लोकल ट्रेन के लिए अलग से सुविधा।
- 160 किमी का नेटवर्क के लिए 17 हजार करोड़ रुपए रखे गए।
- बुलेट ट्रेन के लिए वड़ोदरा में संस्थान बनाया गया है।
- मुंबई में 90 किमी पटरी का विस्तार होगा।
- 3600 नई रेल लाइन बिछाने का लक्ष्य।
- बेंगलुरू में सबअर्बन रेल इन्फ्रा के लिए 17,000 करोड़ रुपए का आवंटन।
- एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तहत 124 एयरपोर्ट।
- एयरपोर्ट की संख्या 5 गुना करने की कोशिश करेंगे।
- सड़क निर्माण के लिए भारत माला प्रोजेक्ट की शुरुआत।
अरुण जेटली के बजट में रेलवे को क्या मिला?
गोल्ड के लिए नई पॉलिसी :
- 14 सरकारी कंपनियां शेयर बाजार में आएंगी।
- 2 सरकारी बीमा कंपनियां शेयर बाजार में आएंगी।
- सरकारी कंपनियां बेचकर 80 हजार करोड़ रुपए जुटाएगी सरकार।
- गोल्ड के लिए नई पॉलिसी आएगी, जिससे गोल्ड लाने-ले जाने में आसानी होगी।
राष्ट्रपति, राज्यपाल की सैलरी बढ़ी :
- राष्ट्रपति को 5 लाख रुपए सैलरी मिलेगी।
- उप-राष्ट्रपति को 4 लाख रुपए सैलरी मिलेगी।
- राज्यपाल को 3.5 लाख रुपए सैलरी।
- सासंदों के भत्ते हर 5 साल में बढ़ेंगे।
राजकोषीय घाटा 2018-19
- 2017-18 में सरकार को 5.95 लाख करोड़ का घाटा, जो जीडीपी का 3.5 फीसदी था।
- 2018-19 में राजकोषीय घाटा 3.3 फीसदी घाटे का अनुमान।
टैक्स प्रपोजल :
- डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12.6% हुआ।
- 90 हजार करोड़ से ज्यादा इनकम टैक्स मिला।
- 19.25 लाख लोग टैक्स देने वाले बढ़े।
- 250 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियों को 25% टैक्स देना पड़ेगा।
- 99% MSME को 25% टैक्स देना होगा।
- इनकम टैक्स कोई बदलाव नहीं।
- इनकम टैक्स में कोई छूट नहीं।
- 40 हजार तक स्टैंडर्ड डिक्शन मिलेगा। यानी जितनी इनकम है, उससे 40 हजार घटाकर टैक्स देना होगा।
- सीनियर सिटीजन के लिए डिपॉजिट पर छूट 10 से बढ़ाकर 50 हजार की।
- लॉन्ग टर्म कैपिटन गेन टैक्स 10% होगा।
- 1 साल से ज्यादा शेयर रखने पर 15% टैक्स।
हेल्थ एंड एजुकेशन सेस :
- हेल्थ, एजुकेशन पर 1% सेस बढ़ाया।
- हेल्थ, एजुकेशन पर अब 3 की बजाय 4% सेस।
इनडायरेक्ट टैक्स :
- कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई।
- मोबाइल, टेलीविजन पार्ट्स की कीमतें बढ़ी।
- मोबाइल, टेलीविजन महंगे होंगे।
Created On :   1 Feb 2018 7:36 AM IST