महाराष्ट्र: शिवसेना-भाजपा पर ओवैसी का तंज, 50-50 फॉर्मूले को बताया बिस्किट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच सियासी घमासान अब भी जारी है। इस बीच महाराष्ट्र सियासत पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने दोनों पार्टियों पर तंज कसते हुए पूछा कि "ये 50-50 क्या है? क्या ये कोई नया बिस्किट है?" उन्होंने कहा कि "AIMIM न ही शिवसेना का समर्थन करेगी और न ही भाजपा का।" साथ ही उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को दो घोड़ों पर सवार भी बताया है।
A Owaisi:What is this 50-50,is this a new biscuit?How much 50-50 will you do?Save something for Maharashtra"s public.They (BJPShiv Sena) are not bothered about the destruction rain has caused in Satara. All they talk about is 50-50.What kind of "Sabka Sath Sabka Vikas" is this? pic.twitter.com/Ct4DFRLnDp
— ANI (@ANI) November 3, 2019
मुख्यमंत्री पद के लिए दोनों पार्टियों के बीच तकरार बढ़ता ही जा रहा है। दोनों ही पार्टियों की तरफ से लगातार जमकर बयानबाजी भी हो रही है। दोनों पार्टियों के बीच चल रही बहस के बीच असदुद्दीन ओवैसी ने "50-50 फॉर्मूले" पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि "ऐसा लगता है जैसे उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घबराए हुए है, लेकिन यदि वह मुख्यमंत्री पद चाहते हैं तो वह दो घोड़ों पर सवारी नहीं कर सकते है।" ओवैसी ने शिवसेना और भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि "वे सतारा में हुई विनाशकारी बारिश से परेशान नहीं है। वे सभी सिर्फ 50-50 फॉर्मूले पर बात करते हैं। उन्होंने पूछा कि यह किस तरह का "सबका साथ, सबका विकास" है।"
सरकार के गठन का आधार आपसी सहमति : शिवसेना
शिवसेना का दावा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना और भाजपा के बीच आपसी सहमति से 50-50 फॉर्मूला तय किया गया था। जिसके मुताबिक दोनों पार्टियां प्रदेश में ढाई-ढाई साल तक सरकार चलाती। शिवसेना का आरोप है कि भाजपा दोनों पार्टियों के बीच हुए इस फैसले से मुकर रही है। शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि "सरकार का गठन पार्टियों के बीच पहले बनी सहमति के आधार पर होना चाहिए। न कि इस आधार पर कि सबसे बड़ा एकल दल कौनसा है।"
वहीं इससे पहले सीएम फडणवीस ने भी बताया था कि "शिवसेना 5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद चाहती है, लेकिन मांगना और प्रैक्टिकल होना दो अलग बातें हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर कभी कोई 50-50 फॉर्मूला तय नहीं हुआ।" बता दें कि प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 8 नवंबर को पूरा होने जा रहा है।
Created On :   3 Nov 2019 8:38 AM IST