ISI की हनीट्रैप साजिश नाकाम, भारतीय अफसरों पर थी नजर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान देश को नुकसान पहुंचाने के लिए आए दिन कुछ न कुछ करता ही रहता है। इस बार उसने एक और गंदी साजिश रची और फिर से उसे नाकामी का मुंह देखना पड़ा। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा तीन भारतीय अधियाकारियों को फंसाने की कोशिश की गई। जिसमें पाक ने हनीट्रैप का जाल बिछाया था। अधिकारियों से खूफिया जानकारी हासिल करने के लिए आईएसआई ने यह जाल बुना था, जिसमें उसे नाकामी हासिल हुई।
भाषा विभाग में काम करते हैं अधिकारी
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की इस गंदी हरकत का अंदेशा भारतीय अधिकारी को पहले ही चल गया था। फिलहाल तीनों भारतीय अधिकारियों से अभी पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार इसी हफ्ते तीनों अधिकारियों ने आईएसआई की इस साजिश के बारे में विभाग को जानकारी दी थी। जिसके बाद तुरंत ही तीनों अधिकारियों को भारत वापस बुला लिया गया। बता दें कि भारतीय अधिकारी पाकिस्तान में भाषा विभाग में कार्यरत हैं। इन अधिकारियों का काम भारत से आने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेजों का अनुवाद करना था।
ब्लैकमेल कर ISI जानना चाहता था राज
पाक की इस साजिश के पीछे मकसद था कि जूनियर भारतीय अधिकारियों को पाकिस्तान के किसी स्थानीय होटल में ले जाकर उनकी आपत्तिजनक हालत में वीडियो और तस्वीरें ले ली जाएं। जिसके जरिए उन्हें ब्लैकमेल किया जा सके। सरकार अगले कुछ दिनों में इस मामले पर कोई फैसला ले सकती है। पाकिस्तान की तरफ से लगातार इस तरह की हरकतें करने की कोशिशे जारी रहती हैं। इंटेलीजेंस सूत्रों के अनुसार, ISI भारतीय अधिकारियों को सॉफ्ट टारगेट बनाने की कोशिश में लगा रहता है। उसके निशाने पर आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवान हैं। इस टास्क में पाकिस्तान के कर्नल अख्तर हामिद भी शामिल हैं, जो कि ढाका में पाकिस्तान उच्चायुक्त में तैनात हैं। बता दें कि इनके निशाने पर ढाका में ट्रेनिंग ले रहे 40 भारतीय अफसर हैं।
दोबारा पाकिस्तान नहीं भेजे जाएंगे अधिकारी
हनीट्रैप का शिकार होने से बचे इन अधिकारियों को दोबारा पाकिस्तान नहीं भेजा जाएगा। ISI लगातार इन अधिकारियों पर महिलाओं के जरिए राज जानने की कोशिश कर रही थी, जिसकी भनक अधिकारियों को लग गई और उन्होंने इसकी सूचना भारत पहुंचा दी। पाकिस्तान की ओर से भारतीय अधिकारियों पर कई बार इस तरह का दबाव बनाने का मामला सामने आ चुका है। 2010 में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। जब हाई कमीशन की प्रेस डिवीजन में काम करने वाली माधुरी गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने कथित तौर पर आईएसआई के एक अधिकारी को सीक्रेट डॉक्यूमेंट सौंप दिए थे।
Created On :   17 Dec 2017 9:42 AM IST