झोपड़ी में मिलती है कंडोम, यहां ऐसे रिलेशन बनाते हैं टीनएजर्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आदिवासी हमेशा से ही अपनी अनोखी परंपराओं के लिए फेमस रहे हैं। वहीं इनमें कुछ जनजातियां बेहद खुंखार और खतरनाक मानी जाती हैं। कुछ ऐसी भी हैं, जिनमें सेक्स रिलेशन को लेकर भी किसी तरह के बंधन नहीं हैं। इन जनजातियों की लिस्ट में एक ऐसी भी है जिनमें लोग मर्जी के हिसाब से बीवियां बदल लेते हैं। बच्चा पैदा होना इनके लिए चमत्कार है। जी हां आज हम एक बार फिर आपको पापुआ न्यू गिनी जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं...
ऐसे तलाशते हैं पार्टनर
यह द्वीप ग्रीन लैंड के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप माना जाता है। यहां ट्रोब्रिएंडर्स नाम की जनजाति रहती है। पार्टनर तलाशने के लिए इनके लिए काफी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। टीनएजर्स के लिए यहां एक झोपड़ी बनाई जाती है। जिसे बुकुमतुला कहा जाता है। यह किशोर-किशोरियों के लिए होती हैं जिसकी मदद से वे पार्टनर तलाशते हैं।
ज्यादा दूर नहीं
वैसे तो ये आदिवासी हैं लेकिन एडवांस चीजों से ज्यादा दूर नहीं। पुरानी परंपराओं में ये नया प्रयोग करते हैं। कम उम्र के ये बच्चे सेक्सुअल बीमारियों की चपेट में न आएं इसके लिए झोपड़ी में कंडोम और दूसरे कॉन्ट्रासेप्टिव आइटम्स भी होते हैं।
केले के पत्ते हैं इनकी करेंसी
ट्रोब्रिएंडर्स के लिए बच्चे पैदा होना किसी चमत्कार से कम नहीं है। वे इनका सेक्स और प्रेग्नेंसी से कोई लेना.देना नहीं मानते। केले के पत्तों को ये लोग करेंसी मानते हैं। यहां पचास पत्तियां एक यूरो के बराबर होती हैं। जब इनके यहां कोई विवाद हो जाता है तो वे इसे क्रिकेट खेलकर सुलझा लेते हैं। आश्चर्य की बात ये है कि इसमें महिलाओं की भी भागीदारी होती है। क्रिकेट की शुरुआत यहां कोलोनियल अथॉरिटीज ने की थी।
Created On :   10 Sept 2017 12:52 PM IST