अफसरों की PM को चिट्ठी, कहा- अंधकार भरा दौर है और आप ही जिम्मेदार हैं
- अफसरों ने लिखा- पीड़ित परिवारों से माफी मांगे पीएम
- कठुआ-उन्नाव गैंगरेप केस पर रिटायर्ड अफसरों की PM को चिट्ठी।
- चिट्ठी में लिखा- अंधकार भरा दौर है और आप ही जिम्मेदार हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कठुआ गैंगरेप और उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप पर जहां एक तरफ देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं दूसरी तरफ 49 रिटायर्ड अफसरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ओपन लेटर लिखा है। इस लेटर में इन घटनाओं के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस लेटर में अफसरों ने लिखा है कि "कठुआ और उन्नाव की घटनाएं दिखाती है कि सरकार अपनी बुनियादी जिम्मेदारियों को पूरा करने में भी नाकाम रही है। ये हमारे देश का अंधकार भरा दौर है और इससे निपटने में सरकार और राजनीतिक पार्टियों ने बहुत कम और कमजोर कोशिशें की हैं।"
ओपन लेटर में रिटायर्ड अफसरों ने क्या लिखा?
- प्रधानमंत्री मोदी को लिखे इस ओपन लेटर में रिटायर्ड अफसरों ने कहा है "8 साल की बच्चे साथ रेप और फिर मर्डर से पता चलता है कि हमारा स्तर कितना गिर चुका है। आजागी के बाद ये हमारे देश का सबसे अंधकार भरा वक्त है। इन सब घटनाओं से पता चलता है कि हमारी सरकार, राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता कितने कमजोर हैं।"
- इसमें लिखा गया है कि "कठुआ और उन्नाव की घटनाएं सामान्य अपराध नहीं है, जो समय के साथ ठीक हो जाएंगी। इन घटनाओं ने हमारे सामाजिक ताने-बाने पर गहरी चोट की है। हमें जल्द ही इस ताने-बाने को ठीक करना होगा। ये समय हमारे अस्तित्व के संकट का समय है।"
- लेटर में पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा है "हमें उम्मीद थी कि संविधान की रक्षा की शपथ लेने वाली सरकार के मुखिया के नाते आप इन गिरते हालातों को संभालने के लिए आगे आएंगे। खासतौर पर अल्पसंख्यकों और कमजोर तबकों को भरोसा दिलया जाएगा कि उनकी जीवन और आजादी की रक्षा होगी, लेकिन ये उम्मीद भी टूट गई।"
- आगे लिखा है "कठुआ और उन्नाल की घटनाएं बताती हैं कि जनता ने जो बुनियादी जिम्मेदारी सरकार को सौंफी थी, उसे निभाने में सरकार नाकाम रही है। हमारा देश हमेशा नैतिक, आध्यात्मिक, सहिष्णुता और सबसे प्रेम की संस्कृति को अहमियत देता है और इसी पर हमें गर्व है। लेकिन हिंदू के नाम पर किसी दूसरे इंसान के साथ क्रूरता से पेश आना, एक इंसान के तौर पर हमें फेल बनाता है।"
- इस लेटर में अफसरों ने लिखा कि "भले ही आपने इन घटनाओं की निंदा की है और इसे शर्मनाक बताया है, लेकिन आपने न तो इसके पीछे काम कर रही सांप्रदायिक भावना की निंदा की और न ही इसे दूर करने के लिए किसी तरह का सामाजिक, राजनीतिक या एडमिनिस्ट्रेटिव संकल्प दिखाया, जिसके तहत इस तरह की सांप्रदायिक घटनाएं होती हैं।"
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अफसरों ने पीएम को दिए ये 5 सुझाव
1. उन्नाव और कठुआ गैंगरेप पीड़िता के परिवारों के घर जाएं और उनसे हम सबकी तरफ से माफी मांगें।
2. बिना समय लगाए कठुआ रेप केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाए। साथ ही उन्नाव केस की जांच के लिए कोर्ट की देखरेख में SIT का गठन हो।
3. हेट क्राइम के शिकार मुस्लिमों, दलितों और बाकी अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं और बच्चों के लिए खास सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही उनपर आने वाले किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी ताकत लगाए।
4. उन सरकारी कर्मचारियों को पद से हटाया जाए जो हेट क्राइम और हेट स्पीच में शामिल हैं।
5. हेट क्राइम पर काबू पाने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई जाए।
पीएम ने कहा था- बेटियों के साथ न्याय होगा
कठुआ और उन्नाव रेप केस पर चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि बेटियों को न्याय मिलेगा और अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था "जिस तरह की घटनाएं हमने बीते दिनों में देखीं हैं, वो सामाजिक न्याय की अवधारणा को चुनौती देती हैं। पिछले 2 दिनो से जो घटनाएं चर्चा में हैं वो निश्चित रूप से किसी भी सभ्य समाज के लिये शर्मनाक है। एक समाज के रूप में, एक देश के रूप में हम सब इस के लिए शर्मसार है।" उन्होंने कहा था "देश के किसी भी राज्य में, किसी भी क्षेत्र में होने वाली ऐसी वारदातें, हमारी मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देती हैं। मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूँ की कोई अपराधी बचेगा नहीं, न्याय होगा और पूरा होगा। हमारे समाज की इस आंतरिक बुराई को खत्म करने का काम, हम सभी को मिलकर करना होगा।"
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क्या है कठुआ रेप-मर्डर केस?
दरअसल, 10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव से एक 8 साल की बच्ची अगवा हो गई थी। इस बच्ची के साथ कई दिनों तक रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। गांव के जंगलों में बच्ची की लाश पड़ी मिली थी। क्राइम ब्रांच की चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची को अगवा करके गांव के एक धार्मिक स्थल में रखा गया था, जहां उसे बार-बार नशा दिया और कई बार रेप किया गया। बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद आरोपियों ने पहले बच्ची का गला घोंटा और बाद में उसके सिर पर पत्थर मार कर उसकी हत्या कर दी।
क्या है उन्नाव गैंगरेप केस?
उन्नाव गैंगरेप केस पिछले साल जून का है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के माखी गांव में रहने वाली एक नाबालिग लड़की को पिछले साल 4 जून को गांव से अगवा कर लिया गया था। इस मामले में पीड़िता और उसके परिवार ने गैंगरेप का आरोप बांगरमऊ सीट से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों पर लगाया। पीड़िता का आरोप है कि वो पिछले एक सालों से हर जगह दरवाजा खटखटा रही है, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। पीड़िता का कहना है कि जब उन्होंने आरोपी विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवानी चाही, तो उन्हें धमकाया गया और उल्टा उसके पिता पर ही झूठा केस लगा दिया गया। इसके बाद पीड़िता के पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और कथित तौर पर उसके पिता की मौत पुलिस कस्टडी में हो गई। जिसके बाद ये मामला और बढ़ गया। इतना ही नहीं पीड़िता और उसके परिवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर जान देने की भी कोशिश की।
Created On :   16 April 2018 2:51 PM IST