MLJK-MA पर बैन: कौन है मसर्रत आलम? जो जेल से ही घाटी में फैला रहा दहशत, आतंक रोकने के लिए अमित शाह को खुद लेना पड़ा सख्त फैसला
- केंद्र सरकार ने घाटी में की बड़ी कार्रवाई
- मसर्रत आलम के संगठन को किया बैन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बड़ा एक्शन लिया है। घाटी के मसर्रत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) पर बैन लगा दिया है। सरकार ने ये कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत की है। इस पर आरोप है इसके सदस्य प्रदेश में आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और आतंकी समूहों का समर्थन कर रहे थे। इस बात की जानकारी खुद देश के गृहमंत्री अमित शाह ने दी है। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये मसर्रत आलम हैं कौन और सरकार को इस पर कठोर कार्रवाई क्यों करनी पड़ी?
आतंक के साथ जुड़ा है नाम
कश्मीर के अलगाववादी नेताओं में से एक मसर्रत आलम का नाम भी है। साल 2010 में सुरक्षाबलों ने घाटी में हिंसा फैलाने के जुर्म में इसे जन सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया था। लेकिन साल 2016 में कोर्ट के आदेश के बाद इसे छोड़ दिया गया था लेकिन छोड़ने के कुछ ही देर बाद पुलिस ने इसे फिर से दबोच लिया। तब से वो जेल में ही बंद है। ये कट्टरपंथी नेता समूह ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का अध्यक्ष है। इस पद को संभाले दो साल हो गए हैं। मसर्रत की उम्र 50 वर्ष है और इस पर आतंकी फंडिंग जैसे तमाम गंभीर आरोप हैं।
कौन है मसर्रत आलम?
2010 से जेल में बंद मसर्रत आलम हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी का बेहद करीबी माना जाता है। इस पर आरोप ये भी है कि इसने भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पर मारे गए तीन आतंकियों के मुठभेड़ का फर्जी बताते हुए कश्मीर में हिंसा को भड़काया था। जिसके बाद पूरी घाटी में हिंसा हुई थी। जिसके दौरान 100 से ज्यादा लोगों की जाने गई थीं। यह मामला साल 2010 का है। तब से ये सुरक्षाबलों के निशाने पर है।
हिंसा के चार महीने बाद मसर्रत को पकड़ने में सुरक्षाबलों की सफलता मिली थी। इसे अक्टूबर 2010 में श्रीनगर के गुलाब बाग इलाके से कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया गया था। गिलानी के करीबी माने जाने वाले मसर्रत आलम पर दस लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था। मसर्रत को कश्मीर में पत्थरबाजी का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। अब इसी को देखते हुए भारत सरकार ने मसर्रत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) पर बैन लगा दिया है।
शाह ने क्या कहा?
अमित शाह ने एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, "मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक 'गैरकानूनी संघठन' घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।"
Created On :   27 Dec 2023 5:56 PM IST