रामलला प्राण प्रतिष्ठा: जहां भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ बिताया था समय, हिंदुओं को नहीं है पूजा करने की इजाजत, जानिए क्या है पाकिस्तान में स्थित राममंदिर की दशा

जहां भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ बिताया था समय, हिंदुओं को नहीं है पूजा करने की इजाजत, जानिए क्या है पाकिस्तान में स्थित राममंदिर की दशा
  • पाकिस्तान में स्थित है प्राचीन राम मंदिर
  • इस्लामाबाद से कुछ दूरी पर है स्थित
  • हिंदुओं को नहीं है पूजा की अनुमति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 22 जनवरी को अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना होने जा रही है। इस ऐतिहासिक समारोह में पीएम मोदी समेत देश की कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी। इस बीच हम आपको पाकिस्तान में स्थित एक प्राचीन राम मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे राम कुंड मंदिर कहा जाता है। 16वीं शताब्दी में बने इस मंदिर में हिंदुओं की पूजा करने की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही यहां से राम भगवान की मूर्तियां भी हटा दी गई हैं।

16वीं शताब्दी में बना था मंदिर

पाकिस्तान के सैदपुर में स्थित इस मंदिर का बड़ा धार्मिक महत्व है। यही वजह है कि यहां हर साल बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के करीब हिमालय की तलछटी में मौजूद सोलहवीं शताब्दी के इस छोटे से मंदिर के बारे में हिन्दूओं की मान्यताएं हैं कि भगवान राम यहां अपनी पत्नि सीता और भाई लक्ष्मण के साथ रहे थे। उन्होंने यहां अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान कुछ समय व्यतीत किया था। इस मंदिर परिसर के पास एक तालाब भी स्थित है। इस तालाब को लेकर मान्यता है कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण सहित यहां का पानी पिया था।

कैसा है मंदिर?

बता दें कि इस मंदिर का निर्माण लाल ईंट से किया गया है। इस एकमंजिला इमारत में एक आयताकार आंगन है। इसके बीच में एक ऊंचा मंच है जहां राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां रखी हैं। मंदिर से जुड़े पुराने दस्तावेजों के मुताबिक पुराने जमाने में यहां भगवान राम के जीवन की याद में मेला भरता था। जिसमें दूर-दूर से हिंदू धर्मावलंबी मंदिर के दर्शन करने आते थे और पास स्थित धर्मशाला में रुकते थे।

विभाजन के बाद से बैन हुई पूजा

1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तानी सरकार द्वारा वहां हिंदू मंदिरों में पूजा की अनुमति नहीं दी गई। इसी वजह से इस प्राचीन राम मंदिर में भी पूजा बंद हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1960 के दशक में जब इस्लामाबाद शहर की स्थापना हुई तो यहां स्थित इस प्राचीन राम मंदिर की जगह लड़कियों का स्कूल खोल दिया गया। इसके बाद जब हिंदू समुदाय ने इसका विरोध किया तो स्कूल को वहां से हटाकर किसी और जगह स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि पूजा करने की अनुमति तब भी नहीं दी गई।

देखरेख के अभाव में तालाब हुआ नष्ट

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का यह प्राचीन राम मंदिर वर्तमान में एक रेस्टोरेंट और हैंडमेड दुकानों की एक टूरिस्ट लाइन में सिमट कर रह गया है। यहां मौजूद मीठे पानी का तालाब भी अब एक दूषित जल चैनल के रुप में बदल गया है। मंदिर में हिंदू पूजा को दोबारा शुरू कराने के लिए स्थानीय हिंदू समाज लगातार कोशिशें कर रहा है।

Created On :   20 Jan 2024 11:19 PM IST

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