सिलेबस में बदलाव!: अब बाबरी मस्जिद की जगह राम जन्मभूमि आंदोलन पढ़ेंगे बच्चे, NCERT ने किया बड़ा बदलाव
- 2002 के गुजरात दंगे को NCERT ने हटाया
- बाबरी मस्जिद विध्वंस का टॉपिक NCERT से गायब
- 12वीं की NCERT बुक में हुए बड़े बदलाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस किताब में कई बड़े बदलाव किए हैं। अब एनसीईआरटी किताब से बाबरी मस्जिद, हिंदुत्व की राजनीति, 2002 के गुजरात दंगों और अल्पसंख्यकों के साथ जुड़े कुछ राजनीतिक घटनाक्रम को बच्चे नहीं पढ़ेंगे। एनसीईआरटी राजनीति विज्ञान किताब के नए सिलेबस में राम जन्मभूमि आंदोलन के बारे में विस्तार से स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा।
नए सत्र में लागू होंगे ये नए टॉपिक्स
गुरुवार को एनसीईआरटी ने इन बदलावों के बारे में अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी। नए सत्र 2024-25 से यह लागू होगा। बता दें कि, एनसीईआरटी ने हाल के कुछ वर्षों में सिलेबस में कई बड़े बदलाव किए हैं। जिनमें संवेदनशील टॉपिक्स को बुक्स से हटाया गया है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से मान्यता प्राप्त स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ाया जाता है। बता दें कि, देश में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त बोर्ड स्कूलों की संख्या 30 हजार के आसपास है। देश के सभी राज्यों में सीबाएसई बोर्ड के स्कूल मौजूद हैं। माना जा रहा है कि यह बदलाब सभी राज्यों के बोर्ड स्कूलों में देखने को मिलेगा।
अब ये पढ़ेंगे बच्चे
हिंदुस्तान टाइम्स रिपोर्ट के मुताबिक, पॉलिटिकल साइंस के 'भारतीय राजनीति: नए अध्याय' नाम के 8वें चैप्टर में 'अयोध्या विध्वंस' टॉपिक को हटा दिया गया हैं। रिपोर्ट के अनुसार, चैप्टर में राजनीतिक लामबंदी की प्रकृति के लिए राम जन्मभूमि आंदोलन और अयोध्या विध्वंस की विरासत क्या है? इसे बदलकर अब 'राम जन्मभूमि आंदोलन की विरासत क्या है?' कर दिया गया है। किताब में बदलाव किए जाने पर एनसीईआरटी का कहना है कि नए बदलाव से जुड़ने के लिए बुक्स में बदलाव किए गए हैं। ताकि, बच्चे नए बदलाव के साथ जुड़ सके।
इसके अलावा 12वीं क्लास के 'भारतीय राजनीति: नए अध्याय' के चैप्टर में बाबरी मस्जिद और 'हिंदुत्व की राजनीति' और बाबरी मस्जिद के संंदर्भ को हटाया गया है। इसमें अब लिखा गया है कि राम मंदिर को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ।
मुसलमानों से जुड़े कुछ मुद्दों को हटाया गया
इसके अलावा एनसीआरटी ने पॉलिटिकल साइंस के 5वें चैप्टर (लोकतांत्रिक अधिकार) में गुजरात दंगे के जिक्र को भी हटाया गया है। इस बदलाव पर एनसीईआरटी का कहना है कि यह घटना 20 साल पुरानी है। साथ ही, इसे न्यायिक प्रक्रिया के जरिए सुलझा लिया गया है। 5वें चैप्टर में मुसलमानों को विकास के लाभों से वंचित रखने के संदर्भ को भी बुक से हटा दिया गया है। किताब में मुस्लिमों को लेकर लिखा गया था है कि कैसे उन्हें देश में अलग माना जाता है। जिसके जरिए उनके खिलाफ नफरत और हिंसा के पूर्वाग्रह को बढ़ा देता है। पहले किताब में लिखा था कि किस तरह भारत में उनके साथ गलत व्यवहार और भेदभाव किया जाता है। ऐसे में अब ये सभी चीजें भारतीय एनसीईआरटी के किताबों में पढ़ने को नहीं मिलेगी।
Created On :   5 April 2024 4:16 PM IST