तिरुपति लड्डू मामला: CM पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल, बोले ईश्वर को तो राजनीति से दूर रखते

CM पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल, बोले ईश्वर को तो राजनीति से दूर रखते
  • तिरुपति लड्डू मामले पर सीएम की हुई सुनवाई
  • सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
  • 'राजनीति से भगवान को दूर रखें'- सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई है। जिसके दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्राबाबू नायडू को फटकार लगाते हुए SC ने उनसे कई तरह के सवाल किए हैं। एससी ने कहा कि जुलाई में जो रिपोर्ट आई थी उसके आने के दो महीने बाद क्यों बयान दिया? सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ से पेश किए वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए बोला, इस तरह के बयानों का लोगों पर व्यापक असर पड़ता है। जब सीएम ने ही ऐसा बयान दिया हो तो राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है।

वकील की दलीलें

साथ ही वकील ने कहा कि घी की सप्लाई और मामले की जांच की कोई व्यवस्था है? साथ ही उन्होंने कहा कि कोर्ट की तरफ से मामले की निगरानी करने की जरूरत है। जिसके बाद राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि, स्वामी खुद टीटीडी ट्रस्ट से जुड़े हैं, क्या उनकी याचिका को निष्पक्ष कहना सही है?

मुकुल रोहतगी ने कहा कि, सुब्रमण्यम स्वामी का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है। वह राज्य सरकार को निशाना बनाना चाहते हैं। जिस पर जस्टिस विश्वनाथ ने कहा कि स्वामी कह रहे हैं कि सैंपल उस घी का लिया गया है जिसका टीटीडी ट्रस्ट ने इस्तेमाल ही नहीं किया। साथ ही जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि जब जांच जारी है तो बीच में ऐसा बयान क्यों दिया। सीएम पद एक संवैधानिक पद है।

सुप्रीम कोर्ट ने किए कई सवाल

जस्टिस विश्वनाथ ने कहा कि जुलाई में आई हुई रिपोर्ट पर दो महीने बाद बयान दिया गया। जब आप निश्चित नहीं थे कि सैंपल घी का लिया गया है तो आपने बयान क्यों दिया? राज्य सरकार के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि 50 साल से कर्नाटक के कोऑपरेटिव 'नंदिनी' से घी लिया जा रहा था। जिसको पिछली सरकार ने बदल दिया था। जिस पर राज्य सरकार पर जस्टिस गवई ने सवाल उठाए और पूछा कि बिना तथ्यों की पुष्टि किए बगैर बयान देना क्यों जरूरी था? जिस पर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि जुलाई में कब-कब घी आया, किस सैंपल को जांच के लिए भेजा गया? तभी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भगवान को राजनीति से दूर रखें।

सुनवाई के समय जस्टिस गवई ने कहा कि आपने 26 सितंबर को SIT बनाई और बयान उससे पहले दे दिया। जिसके बाद जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि आप ये कह सकते थे कि पिछली सरकार में घी का टेंडर गलत अलॉट हुआ था। आपने सीधे प्रसाद पर ही सवाल उठा दिया।

Created On :   30 Sept 2024 10:27 AM GMT

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