तीन राज्य, 102 केस, दो दशकों से मोस्ट वांटेड, अब नेपाल से दबोचे गए इस दहशतगर्द से 7 दिनों तक होगी पूछताछ
पुलिस महकमा उसके लिए डीजी कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था, लेकिन पूरे विभाग के पास उसकी एक अदद प्रामाणिक तस्वीर उपलब्ध नहीं थी। उसकी जिस तस्वीर के साथ पुलिस ने 25 लाख और एनआईए ने पांच लाख के ईनाम का इश्तेहार जारी किया था, वह भी उसे चेहरे से मेल नहीं खाता। हालांकि पुलिस और एनआईए की लगातार दबिश की वजह से उसने पिछले डेढ़ साल से नेपाल में पनाह ले रखी थी। इस बार इंटेलिजेंस इनपुट पुख्ता निकला और उसे नेपाल में ही दबोच लिया गया। कल उसे रांची लाया गया था। अब अगले सात दिनों तक उससे होने वाली पूछताछ बेहद अहम मानी जा रही है। एनआईए और पुलिस की पूछताछ में टेरर फंडिंग के उसके नेटवर्क, उसके राजनीतिक कनेक्शंस, अवैध निवेश, राजनीतिक-गैर राजनीतिक हत्याओं, अवैध हथियारों के कारोबार सहित कई अन्य मामलों में चौंकाने वाले खुलासे की उम्मीद की जा रही है।
दिनेश गोप नेपाल में सिख की वेशभूषा में रह रहा था। टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए ने 30 जनवरी 2022 को दिनेश गोप की दोनों पत्नियों हीरा देवी और शकुंतला कुमारी को गिरफ्तार किया था। दोनों के खिलाफ लेवी-रंगदारी के रुपयों को शेल कंपनियों में निवेश करने के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। इससे पूर्व पुलिस ने रांची के बेड़ो में 10 नवंबर 2016 को दिनेश गोप के 25 लाख 38 हजार रुपए जब्त किए गए थे। एनआईए ने भी दिनेश गोप के सहयोगियों के पास से 42.79 लाख व करीब 70 लाख रुपए की अन्य चल-अचल संपत्ति जब्त की थी। अब तक दो दर्जन से अधिक बैंकों में दिनेश गोप के पारिवारिक सदस्यों और दोनों पत्नियों के माध्यम से 2.5 करोड़ रुपए के निवेश की जानकारी भी मिल चुकी है।
वर्ष 2016 में नोटबंदी के ठीक बाद दिनेश गोप ने अवैध तरीके से उगाहे गए 25.38 लाख रुपये एसबीआई रांची के बेड़ो शाखा में एक पेट्रोल पंप संचालक के जरिए जमा करवाने की कोशिश की थी। रांची पुलिस ने इस मामले में पेट्रोल पंप संचालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एनआईए ने 19 जनवरी 2018 को केस टेकओवर किया था। इसके बाद एनआईए ने दिनेश गोप के सहयोगी सुमंत कुमार समेत अन्य के ठिकानों से 90 लाख नकदी और निवेश संबंधी कागजात बरामद किये थे। पीएलएफआई के पैसों को कंपनियों में निवेश के मामले में गुजरात के एक व्यवसायी को भी एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
आधा दर्जन से भी ज्यादा लेयर वाले सुरक्षा में रहने वाले दिनेश गोप के दस्ते के साथ बीते दो-तीन वर्षों में पुलिस की कई बार मुठभेड़ हुई, लेकिन वह हर बार आराम से बच निकलता था। पिछले साल एक मुठभेड़ में उसे गोली लगी थी। इसके बाद ही उसने नेपाल में पनाह ली थी। बताया जाता है कि उसने नेपाल में भी बड़े पैमाने पर निवेश कर रखा है।
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Created On :   22 May 2023 3:57 PM IST