राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह: रामलला की मू्र्ति का हुआ चयन, 150 से 200 किलो ग्राम है वजन, 18 जनवरी को होगी गर्भगृह में स्थापित
- रामलला की नई मूर्ति का हुआ चयन
- अरुण योगीराज ने किया है निर्माण
- मूर्ति भगवान राम की 5 साल की अवस्था की है
डिजिटल डेस्क, अयोध्या। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम होने जा रहा है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने नई मूर्ति को लेकर मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति को स्थापना के लिए चुना गया है। इसके साथ ही उन्होंने रामलला की पुरानी मूर्ति के बारे में जानकारी दी।
इस शिल्पकार की मूर्ति का हुआ चयन
चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर के गर्भ गृह के लिए रामलला की मूर्ति के लिए कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति का चयन किया गया है। कृष्णशिला पर बनी इस मूर्ति का वजन 150 से 200 किलोग्राम है। बता दें कि अरुण योगीराज केदारनाथ में शंकराचार्य और इंडिया गेट पर सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा भी बना चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब वह अयोध्या में इस दिव्य मूर्ति को बना रहे थे तो उस दौरान उन्होंने पंद्रह दिन तक मोबाइल को खुद से दूर रखा था।
18 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित होंगे रामलला
श्रीराम जन्मभूमि भूमी के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को बताया कि मंदिर में स्थापित हो रही मूर्ति भगवान राम की 5 साल की अवस्था की है। इसे 18 जनवरी में नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद 22 जनवरी को मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। दोपहर 12 बजे से शुरू होने वाला प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 1 बजे तक समाप्त हो जाएगा।
पुरानी मूर्ति का क्या होगा ?
बीते कई दिनों से यह सवाल पूछा जा रहा था कि नई मूर्ति बनने के बाद रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या होगा? क्या उसे भी नई मूर्ति के साथ मंदिर में रखा जाएगा? इस सवाल के जबाव में चंपत राय ने कहा कि, रामलला की वर्तमान मूर्ति भी राम मंदिर के गर्भगृह में ही स्थापित करी जाएगी।
Created On :   16 Jan 2024 1:29 AM IST