सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट: CAA से जुड़ी दस बातें जो आज ही जान लेना जरूरी है, दूर होंगे सारे कंफ्यूजन!
- देश में लागू हुआ सीएए कानून
- केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
- जानिए इस कानून से जुड़ी दस बातें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने का फैसला सुनाया है। इसके लिए भारत सरकार की ओर से सीएए की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस कानून के अंतर्गत तीन पड़ोसी देशों के अलप्संख्यक लोगों को भारत की नागरिकता लेनी होगी। नागरिकता पाने के लिए उन्हें केंद्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन देना होगा। इससे पहले भारतीय नागरिकता में कई नियम और शर्तों के चलते आवेदन में काफी समय लग जाता था।
देश में शुरु से ही सीएए का मुद्दा विवाद और तनाव के माहौल से घिरा रहा है। इस मसले पर भारत की सदस्यता पर कई बार विरोध प्रदर्शन के देखे गए हैं। ऐसे में सीएए के लागू होने से एक बार फिर विरोध की चिंगारी धधक उठ सकती है। हालांकि, इस कानून को लागू करना का उद्देश्य पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता दिलाना रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत में सीएए कानून लागू होने से आम नागरिक के जीवन और देश के क्या कुछ बदलाव आ सकते हैं।
1. क्यों शुरु हुआ था विवाद
सीएए कानून के तहत पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में रह रहे लोगों को देश की नागरिकता दिलाने का प्रावधान बनाया गया है। जिससे धर्म के नाम पर परेशान करने वाले इन लोगों को नागरिकता दिलाई जा सकें। सीएए में हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी। हालांकि, सीएए में मुस्लमानों को शामिल नहीं किया गया है। जिससे के चलते इस कानून को लेकर हमेशा से विवाद बना रहा है। इस नियम को लेकर केंद्र सरकार पर धार्मिक भेदभाव करने के आरोप लगते आए हैं।
2. सीएए का एनआरसी से नहीं कोई संबंध
सीएए को हमेश से ही एनआरसी के लिहाज से देखा गया है। इसे लेकर दावा किया जाता है कि एनआरसी से लोगों की भारतीय नागरिकता छिन जाएगी। इसके बाद उन्हें सीएए देकर नागरिकता दिलाई जाएगी। ऐसे में सीएए नागरिकता प्रकिया के जरिए भारत में रहने वाले मुस्लिम लोगों को देश छोड़कर जाना पड़ेगा। लेकिन, सीएए कानून में पड़ोसी देश के लोगों को नागरिकता मिलेगी।
3. नागरिकता मिलने में होगी आसानी
देश में सीएए कानून का सबसे ज्यादा फायदा भारत में रहने वाले पड़ोसी देशों के नागरिकों को मिलेगा। जिन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के नाम पर अत्याचार किया गया है। सीएए कानून की नागरिकता मिलने से पड़ोसी देशों के लोगों को नागिकता मिल जाएगी।
4. भारत में बढ़ेगी आबादी
देश में सीएए कानून लागू होने से किसी को व्यक्ति को हानी नहीं पहुंचेगी। मगर, भारत में पड़ोसी देशों के लोगों रहने से आबादी में तेजी से इजाफा होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया की ज्यादा आबादी वाले देशों की गिनती में भारत पहले स्थान पर पहुंच गया है। इसके अलावा भारत में पड़ोसी देशों के लोगों की जनसंख्या बढ़ने से देश के संसाधनों काफी प्रभावित होंगे।
5. सीएए कानून पर यह आरोप
सीएए पर धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन के आरोप लगते आए हैं। भारत के संविधान के मुताबिक, देश में किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं हो सकता है। वहीं, सीएए कानून में मुस्लिम लोगों को शामिल न करने से इसे धर्मनिर्पेक्षता का उल्लंधन करना बताया गया है।
6. एनआरसी लागू होने का डर
सीएए और एनआरसी अलग-अलग कानून है। विरोधियों का कहना है कि सरकार सीएए के बाद एनआरसी को भी लागू कर देगी। उन्हें डर हैं कि ऐसा होने से भारत में लोगों की नागरिकता धर्म के आधार पर सुनिश्चित की जाएगी।
7. देश से निकालने की चिंता
भारत में एनआरसी लागू होने के बाद विरोधियों का मानना है कि इससे कई लोगों को देश से निकाल दिया जाएगा। सीएए के तहत इन लोगों में कुछ को ही नागरिकता मिलेगी। ऐसे में जिन लोगों को नागरिकता नहीं दी गई है और उनके पास इसका प्रमाण नहीं हैं कि वह कहां रह रहे थे। वे किसी भी देश में नहीं रह पाएंगे।
8. कानून की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई निंदा
अंतरराष्ट्रीय निकायों और मानवाधिकार संगठनों की ओर से भी भारत सरकार के सीएए कानून की निंदा की गई है। इसके साथ ही इस कानून को मानवाधिकार उल्लंघन और धार्मिक भेदभाव विरोधी करार दिया गया है।
9. बहुसंख्यक वोटों को साधने की चिंता
सीएए के जरिए एनआरसी लागू होने के अलावा आलोचकों को वोटों के ध्रुवीकरण की चिंता सता रही है। उनका मानना है कि सीएए की मदद से देश की सत्तारूढ़ पार्टी बहुसंख्यक मतों को जुटाने का कार्य करेगी।
10. असुरक्षा की भावना बढ़ने के आसार
आलोचकों को यह भी लगता हैं कि सीएए के लागू होने के बाद देश के मुस्लमानों को हाशिए पर पहुंचा दिया जाएगा। ऐसे में कई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में सीएए कानून लागू होने के बाद असुरक्षा की चिंता बढ़ने के आसार हैं।
Created On :   11 March 2024 10:06 PM IST