केंद्र से मांगा डाटा: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जीएसटी के तहत नोटिस और गिरफ्तारियों से जुड़ी सभी डिटेल मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जीएसटी के तहत नोटिस और गिरफ्तारियों से जुड़ी सभी डिटेल मांगी
  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगी डिटेल
  • जरूरत पड़ने पर करेंगे कानून की व्याख्या
  • लोगों का उत्पीड़न से बचाने के लिए प्रतिबद्ध

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने जीएसटी सहित दो अन्य कानूनों के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाले 281 याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने केंद्र सरकार से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के तहत जारी किए गए नोटिस और गिरफ्तारियों की डिटेल मांगी है। उच्चतम न्यायालय ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह कानून की व्याख्या कर सकता है। कोर्ट ने नागरिकों को स्वतंत्रता से वंचित करने वाले किसी भी उत्पीड़न से बचाने के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस एमएम सुंदरेश की तीन सदस्यीय विशेष पीठ जीएसटी, धनशोधन रोकथाम कानून और सीमा शुल्क अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाले याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

'सभी मामलों में जेल नहीं भेजा जा सकता'

केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए। कोर्ट ने उनसे जीएसटी के तहत जारी की गई नोटिस और गिरफ्तारियों से संबंधित सभी डिटेल देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एसवी राजू से कहा, "आप जीएसटी अधिनियम के तहत पिछले तीन वर्ष में एक करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये की कथित चूक के लिए जारी किए गए नोटिस और गिरफ्तारियों का आंकड़ा पेश करें। लोगों का उत्पीड़न हो सकता है और हम इसकी इजाजत नहीं देंगे। यदि हमें लगता है कि प्रावधान में कोई अस्पष्टता है तो हम उसे दुरुस्त करेंगे। दूसरा, सभी मामलों में लोगों को जेल नहीं भेजा जा सकता।"

शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप

याचिकाकर्ताओं ने अधिकारियों पर शक्तियों के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। कुछ याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट में उनका पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने जीएसटी के तहत अधिकारियों के तरफ से शक्तियों के दुरुपयोग करने से नागरिकों की स्वतंत्रता कम होने की बात कही है। वकील ने आगे कहा कि कभी-कभी गिरफ्तारी नहीं की जाती है बल्कि नोटिस जार कर लोगों को गिरफ्तारी की धमकी दे कर परेशान किया जाता है। गुरुवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटल जनरल तुषार मेहता को आंकड़े पेश करने का आदेश दिया है। तुषार मेहता ने राज्य से जुड़े आंकड़े पेश करने में असमर्थता जताई। इस पर कोर्ट ने कहा, "हम सभी आंकड़े चाहते हैं। जीएसटी परिषद के पास वह आंकड़ा होगा। यदि आंकड़ा उपलब्ध है, तो हम इसे अपने सामने चाहते हैं।" इस पर एस वी राजू ने कहा कि वह अगली सुनवाई में कोर्ट के सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

तीन जजों की विशेष पीठ ने गिरफ्तारी की शक्तियों से संबंधित जीएसटी कानून की धारा 69 में अस्पष्टता पर चिंता जताई है। पीठ ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए अदालत कानून की व्याख्या करेगी जिससे नागरिकों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। बता दें कि इस मामले पर अगली सुनवाई 9 मई को होगी।

Created On :   3 May 2024 3:22 PM IST

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